दिल्ली में G20 नेताओं का शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर को होगा। शिखर सम्मेलन में 30 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्ष, यूरोपीय संघ के शीर्ष अधिकारी, आमंत्रित अतिथि देश और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के भाग लेने की संभावना है। कई देशों के राष्ट्रप्रमुख दिल्ली पहुंच चुके हैं। वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने से इनकार कर दिया है। यह पहली बार होगा जब चीनी राष्ट्रपति G-20 समिट में भाग नहीं लेंगे। वहीं, रूस के राष्ट्रपति ने भी संवेदनशील समय, यूक्रेन के साथ तनाव और तमाम परिस्थितियों के मद्देनजर सम्मेलन के लिए भारत आने में असमर्थता जताई है।
शी जिनपिंग नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं ले रहे हैं और कोई भी एक बड़ा कारण बताने में विफल रहे हैं कि चीन उनकी जगह प्रधानमंत्री ली कियांग को क्यों भेज रहा है। यह सच है कि मई 2020 में सीमा पर हुई झड़पों के बाद से भारत के साथ चीन के रिश्ते ज्यादातर ठंडे रहे हैं। और यह भी संभव है कि चीनी सरकार ने संकेत भेजने के लिए राष्ट्रपति शी के बजाय प्रधान मंत्री ली कियांग को भेजने का फैसला किया हो। पर चीनी सरकार ने कहा है कि वह इस समिट की सफलता के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने के लिए तैयार है।
चीन में बढ़ती परेशानियों पर जिनपिंग का फोकस
थिंक-टैंक कार्नेगी चाइना के निदेशक पॉल हेनले ने कहा कि पिछले दशक में कई G20 सदस्य देशों ने चीन पर अपनी स्थिति सख्त कर दी है। विशेषज्ञ यह भी संकेत दे रहे हैं कि शी जिनपिंग का भारत द्वारा आयोजित जी20 कार्यक्रम में शामिल न होना चीन में बढ़ती परेशानियों के कारण हो सकता है। तो, क्या शी अपने घर में ही रुके हुए हैं जहां असली समस्या है?
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में ली कुआन यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के एसोसिएट प्रोफेसर अल्फ्रेड वू ने कहा कि घरेलू मुद्दों पर जिनपिंग के ध्यान को देखते हुए, वह विदेश यात्रा करने के इच्छुक नहीं हो सकते हैं। वू ने रॉयटर्स को बताया, “शी जिनपिंग अपना खुद का एजेंडा तय कर रहे हैं, जहां उनकी सबसे बड़ी चिंता राष्ट्रीय सुरक्षा है और उन्हें चीन में रहना है और इसके बजाय विदेशी नेताओं को उनसे मिलना है।”
सम्मेलन को संबोधित नहीं करेंगे पुतिन
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जी 20 शिखर सम्मेलन में प्रतिभागियों को वीडियो संबोधन नहीं करेंगे। यह काम रूस के शीर्ष राजनयिक सर्गेई लावरोव द्वारा किया जाएगा। जब पेसकोव से पूछा गया कि क्या पुतिन वीडियो चैट के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित करेंगे तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा, “शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री पूरा काम करेंगे। रूस के शेरपा और रूसी विशेषज्ञ भी दस्तावेज़ों को अंतिम रूप देने के लिए बहुत गहन प्रयास कर रहे हैं।”