वर्ष 2017 से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) में एडमिशन के लिए बनने वाली ऑल इंडिया रैंकिंग में 12वीं कक्षा के नंबर नहीं जुड़ेंगे। मोदी सरकार देश के 31 एनआईटी संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव करने जा रही है। तीन साल पहले यूपीए सरकार द्वारा बनाई गई प्रवेश प्रक्रिया को बदलकर अब आईआईटी की तर्ज पर एडमिशन होंगे। एनआईटी में एडमिशन के लिए छात्र को पहले जेईई(मैन्स) एग्जाम पास करना होता है। उसके बाद 60 फीसदी जेईई की परफॉरमेंस और 40 फीसदी 12 कक्षां की परफॉरमेंस के आधार पर ऑल इंडिया रैंकिंग तैयार की जाती थी। रैंकिंग के हिसाब से इन संस्थानों में प्रवेश मिलता था।
सूत्रों के मुताबिक एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी नेतृत्व वाली एनआईटी काउंसिल ने फैसला किया है कि साल 2017 से 12वीं बोर्ड परफॉरमेंस को रैंकिंग में कैलकूलेट नहीं किया जाएगा। अब एनआईटी में भी एडमिशन आईआईटी की तरह ही होंगे। आईआईटी के लिए जेईई(एडवांस) पास करने के साथ ही स्कूल बोर्ड में टॉप-20 में हों या फिर 75 फीसद अंक हासिल किए हों।
इसमें बदलाव को सुझाव पिछले साल अक्टूबर में काउंसिल की हुई बैठक में ही दिया गया था। लेकिन एचआरडी मिनिस्टर ने इसे 2017 के लिए टाल दिया था। अब उन्होंने अगले साल के एडमिशन टेस्ट प्रक्रिया में बदलाव के लिए पैनल के सुझाव को अपना लिया है।