मैगी नूडल्स के री-लॉन्च के कुछ दिन बाद नेस्ले फिर से विवादों में फंस गई है। इस बार कंपनी के पास्ता में लैड की मात्रा तय मानकों से अधिक पाई गई है। उत्तर प्रदेश (मऊ) के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के अफसर अरविंद यादव ने बताया कि उन्होंने 10 जून को नेस्ले के लोकल डिस्ट्रीब्यूटर श्रीजी ट्रेडर्स के यहां से पास्ता के नमूने लिए थे, जिन्हें जांच के लिए लखनऊ लेबोरेट्री भेजा गया था। अब इसकी रिपोर्ट आ गई है और पास्ता के नमूने जांच में असफल रहे हैं। इसमें लैड की मात्रा छह पीपीएम पाई गई, जबकि यह सिर्फ 2.5 पीपीएम होनी चाहिए थी।
दूसरी ओर नेस्ले ने दावा किया है कि उसका प्रॉडक्ट पूरी तरह सुरक्षित हैं। कंपनी बहुत जल्द मामले के समाधान के लिए काम करेगी। नेस्ले इंडिया की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ‘कंपनी बहुत जल्द इस संबंध में अधिकारियों से मिलेगी।’ फूड एंड ड्रग अफसर अरविंद यादव ने बताया कि उनके 2 सितंबर को ही रिपोर्ट आ गई थी, जिसमें नमूने सही नहीं पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि कंपनी को मोदी नगर के पते पर विभाग की ओर से जो पत्र भेजा गया है वह वापस लौट आया है। यादव ने विभाग की ओर से भेजा गया पत्र पत्रकारों को भी दिखाया। उन्होंने बताया कि विभाग ने नेस्ले इंडिया को रिपोर्ट के खिलाफ अपील के लिए एक महीने का समय दिया था, लेकिन कंपनी ने लेटर रिसीव नहीं किया और यह वापस लौट आया।
नेस्ले के पास्ता को अब ‘असुरक्षित खाद्य उत्पाद’ पदार्थ की श्रेणी में रखा गया है। अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में खाद्य सुरक्षा आयुक्त लखनऊ को मुकदमे की सिफारिश के लिए रिपोर्ट भेजी गई है। सिफारिश मिलने पर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी की अदालत में मुकदमा दायर किया जाएगा। इस साल मई-जून में नेस्ले की मैगी में लैड की मात्रा अधिक पाई गई थी, जिसके बाद कई राज्यों में इस पर बैन लगा दिया गया था।
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