36 राफेल फाइटर जेट खरीदने के लिए भारत के साथ हुई डील के वक्त फ्रांस के राष्ट्रपति रहे फ्रांस्वा ओलांद के एक बयान की वजह से हड़कंप मच गया है। पूर्व फ्रेंच राष्ट्रपति ने कहा है कि डील के तहत अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट का ऑफसेट पार्टनर इसलिए चुना गया था क्योंकि भारत सरकार ने ही इसका नाम ‘प्रस्तावित’ किया था। फ्रेंच न्यूज वेबसाइट Mediapart.fr के जरिए ओलांद का यह बयान सामने आया है। दरअसल, ओलांद द इंडियन एक्सप्रेस में छपी उस खबर पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसके मुताबिक अंबानी की कंपनी रिलायंस एंटरटेनमेंट उस फ्रेंच फिल्म के प्रोडक्शन से जुड़ी थी, जिसमें पूर्व फ्रेंच राष्ट्रपति की पार्टनर जूली गायेट भी काम कर रही थीं। यह उस वक्त हुआ, जब भारत और फ्रांस राफेल डील पर बातचीत कर रहे थे।
ओलांद ने इस बात से इनकार किया कि राफेल डील और उनकी पार्टनर की फिल्म के प्रोडक्शन में रिलायंस एंटरटेनमेंट के जुड़ने में कोई कनेक्शन है। पूर्व फ्रेंच राष्ट्रपति का बयान भारत सरकार के उस दावे के उलट है, जिसमें कहा गया था कि डसॉल्ट और रिलायंस के बीच हुई डील दो निजी पक्षों के बीच हुआ व्यवसायिक समझौता था और इसका भारत सरकार से कोई लेनादेना नहीं है। ओलांद के इस बयान को लेकर जहां विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है, वहीं सरकार ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है।
रक्षा मंत्रालय ने ओलांद के बयान पर टि्वटर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘पूर्व फ्रेंच राष्ट्रपति के बयान से जुड़ी रिपोर्ट को वेरिफाई किया जा रहा है, जिसके मुताबिक मिस्टर ओलांद ने कहा कि भारत सरकार ने राफेल डील में डसॉल्ट एविएशन के लिए ऑफसेट पार्टनर चुनने के लिए एक खास कंपनी पर जोर दिया।’ रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, न ही भारत सरकार और न ही फ्रेंच सरकार का इस व्यवासायिक डील में कोई लेनादेना है।