फ्रांस में चार दिनों तक मानव तस्करी के संदेह में रोकी गयी फ्लाइट मंगलवार को मुंबई पहुंची थी। फ्लाइट के 276 यात्री मंगलवार को भारत पहुंच गए थे जबकि 25 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया था जिन्हें बाद में रिहा किया गया। गुजरात CID ने शुक्रवार तक लेजेंड एयरलाइंस की निकारागुआ जाने वाली उड़ान के 21 यात्रियों के बयान दर्ज किए हैं। जिनमें से कई यह बताने में असमर्थ थे कि वे उस चार्टर्ड फ्लाइट में क्यों चढ़े थे। फ्लाइट में ज्यादातर अकेले व्यक्ति थे और उनके साथ कोई नहीं था। उनमें से कई नाबालिग भी थे।
फ्लाइट में 276 यात्री सवार थे, जिनमें से 65 गुजराती थे। इन यात्रियों को मानव तस्करी के संदेह में चार दिनों के लिए फ्रांस में रोक दिया गया था। फ्लाइट 26 दिसंबर को मुंबई में लैंड हुई थी जिसके बाद बुधवार को गुजरात से 21 यात्री राज्य लौट आए।
सीआईडी ने 21 गुजराती यात्रियों से की पूछताछ
सीआईडी के अधिकारियों ने कहा कि कई यात्रियों ने दावा किया है कि वे टूरिस्ट के रूप में निकारागुआ की यात्रा पर थे। एक अधिकारी ने कहा, “यात्रियों का कहना है कि वे दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए निकारागुआ की यात्रा कर रहे थे। उनके पास पहुंचने पर वीजा हासिल करने के लिए वैध दस्तावेज थे और कुछ के पास पर्यटक वीजा भी था।” अधिकारियों ने कहा कि हालांकि, वो यह बताने में असमर्थ थे कि वे सभी एक चार्टर्ड फ्लाइट में क्यों सवार हुए। यात्री यह भी नहीं बता सके कि उन्होंने एजेंट को फ्लाइट में चढ़ने के लिए मोटी रकम का भुगतान क्यों किया।”
यात्रियों ने बताया एजेंटों ने लिए थे ज्यादा पैसे
अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा था कि यात्रियों ने कम से कम दो स्थानीय एजेंटों का नाम लिया है जिन्होंने उनसे मेक्सिको के रास्ते अमेरिका ले जाने के लिए प्रति व्यक्ति 50 लाख रुपये और उससे अधिक चार्ज लिए थे। अधिकारी ने कहा कि फिलहाल एजेंटों के खिलाफ कोई मामला तब तक नहीं बनाया जा सकता जब तक कि जाली दस्तावेजों का सबूत न हो या कोई यात्री शिकायत दर्ज न करे।
15 दिसंबर के बाद से, सीआईडी ने गुजरातियों को विदेशी गंतव्यों पर अवैध प्रवास की सुविधा देने वाली एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई में अहमदाबाद और गांधीनगर क्षेत्रों में बुक किए गए 15 माइग्रेशन एजेंटों में से कम से कम आठ को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई फ़्रांस में लीजेंड एयरलाइंस की उड़ान को रोके जाने से एक सप्ताह पहले शुरू हुई थी।