पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की उम्मीदवारी को संघ लोक सेवा आयोग ने रद्द कर दिया है। वो काफी समय से विवादों में हैं। पूजा ने पिछले महीने महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पूणे के कलेक्टर के खिलाफ पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने अपनी स्थिति को स्पष्ट करने का प्रयास किया था। संघ लोक सेवा आयोग की उम्मीदवारी जाने के साथ ही पूजा पर कई जांच शुरू हो गई है। जिसके बाद उनके साथ ही उनका पूरा परिवार जांच का सामना कर रहा है।

बीते 8 जुलाई को पुणे कलेक्टर सुहास दिवासे ने पूजा खेडकर का ट्रांसफर कर दिया था। जिसके बाद 11 जुलाई को पूजा ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। जिसमें पूजा ने दिवासे के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे कि दिवासे ने पूजा को अपमानित किया था। इस पत्र में पूजा ने बताया था उनकी छवि एक अहंकारी अधिकारी के रूप में बना दिया गया है।

पुणे कलेक्टर दिवासे के खिलाफ पूजा ने अपर सचिव को भेज गए पत्र में लिखा था, ‘इस (पत्र और मीडिया कवरेज) की वजह से मेरी छवि लोगों की नजर में एक घमंडी अधिकारी की बन गई है। इससे मुझे मानसिक आघात पहुंच रही है और मैं बेहद परेशान हूं। इससे मुझे बहुत पीड़ा हुई है।’

पूजा ने दिवासे पर लगाए थे आरोप

वहीं पूजा ने दिवासे के खिलाफ लिखे पत्र में बताया था, ‘मुझे कारण नहीं पता, लेकिन जिस दिन से मैंने प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में कार्यभार संभाला है, पुणे कलेक्टर मुझे अपमानित कर रहे हैं।’ पूजा ने बताया कि अतिरिक्त एसडीएम के एंटी चैम्बर पर उनके अनाधिकृत कब्जे के आरोपों का भी जवाब दिया। पूजा ने अपने पत्र में लिखा था कि दिवासे ने तहसीलदार को बुलाया और मेरे चैम्बर से मेरा सामान हटाने को कहा। जिसके बाद मैंने दिवासे से बात की तो उन्होंने मुझपर यह आरोप लगाया कि मैंने ऑफिस पर कब्जा कर लिया है।

ओबीसी नॉन क्रीमीलेयर का फायदा उठाने का आरोप

पूजा खेडकर पर आरोप लगा कि उसने अपने माता-पिता के मैरिटल स्टेटस की जानकारी छिपाकर OBC नॉन क्रीमीलेयर कोटे का फायदा उठाया है। पूजा की बात करें तो उनके पिता दिलीप खेडकर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी है। जो चुनाव भी लड़ चुके हैं। उन्होंने अपने एफिडेविट में बताया था कि कुल संपत्ति 40 करोड़ रुपये हैं। जबकि पूजा ने अपनी फैमिली इनकम 8 लाख से कम बताई।