लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया है। पिनाकी सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश रहे हैं और वह मानवाधिकार संबंधी मामलों के विशेषज्ञ के तौर पर जाने जाते हैं। मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने औपचारिक तौर पर उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी। जस्टिस घोष आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी रहे हैं।

डॉक्टर पिनाकी चंद्र घोष को लोकपाल नियुक्त करने के साथ ही न्यायिक सदस्यों के तौर पर जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती, जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी, जस्टिस दिलीप भोंसले और जस्टिस अभिलाषा कुमारी को नियुक्त किया गया है। इनके अलावा कमेटी में 4 अन्य सदस्यों के तौर पर महेंद्र सिंह, डॉक्टर इंद्रजीत गौतम, दिनेश कुमार जैन और अर्चना रामसुंदरम को शामिल किया गया है।

लोकपाल की नियुक्ति को लेकर हालांकि, सत्ता और विपक्ष में रार जरूर ठनी थी। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लसोकपाल कमेटी की बैठक में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था और केंद्र सरकार पर मनमानी करने का आरोप लगाया था। मगर, तमाम विरोधों के बावजूद मोदी सरकार नवे लोकपाल की नियुक्ति पर मुहर लगा दी।