पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिल्ली में हुए 1984 के सिख नरसंहार को लेकर बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन गृहमंत्री अगर इंद्र कुमार गुजराल की सलाह पर अमल करते तो इन दंगों को टाला जा सकता था। मनमोहन सिंह ने यह बात बुधवार (4 दिसंबर) पूर्व पीएम गुजराल के 100वें जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही।

मनमोहन सिंह ने कही यह बात: मनमोहन सिंह ने कहा, ‘‘गुजराल जी इतने ज्यादा चिंतित थे कि वे उसी दिन शाम के वक्त तत्कालीन गृहमंत्री नरसिम्हा राव के पास गए थे। उन्होंने कहा था कि स्थिति इतनी गंभीर है कि सरकार को जल्द से जल्द सेना को बुला लेना चाहिए। अगर इस सलाह पर अमल किया जाता तो 1984 के नरसंहार को टाला जा सकता था।’’

मनमोहन सिंह ने याद किए पुराने दिन: मनमोहन सिंह ने बताया, ‘‘इमरजेंसी के बाद मेरे और पूर्व पीएम गुजराल के रिश्ते मजबूत हुए थे। वह इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मंत्रालय संभाल रहे थे। इमरजेंसी के दौरान कुछ समस्या होने पर उन्होंने प्लानिंग कमिश्नर को हटा दिया था। उस वक्त मैं वित्त मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार था। तब हमारे रिश्ते मजबूत हुए थे।’’ बता दें कि गुजराल अप्रैल 1997 से मार्च 1998 तक देश के 12वें प्रधानमंत्री बने थे। गौरतलब है कि 93वें बर्थडे से महज 4 दिन पहले 30 नवंबर, 2012 को 92 वर्ष की उम्र में मल्टीपल ऑर्गन फेलयर होने के कारण गुजराल का निधन हो गया था।

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इस वजह से हुए थे 1984 के दंगे: गौरतलब है कि 31 अक्टूबर 1984 के दिन पीएम इंदिरा गांधी को उन्हीं के 4 सिक्योरिटी गार्ड्स ने मार डाला था। इसके बाद सिख विरोधी दंगे भड़के थे और पूरे देश में करीब 3 हजार सिखों को मार दिया गया था।

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया यह जिक्र: इस कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी मौजूद थे। उन्होंने 1998 में आईके गुजराल के नेतृत्व वाली सरकार से कांग्रेस के आलाकमान द्वारा समर्थन वापस लेने के फैसले पर दुख जताया। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि इस फैसले के कारण ही बीजेपी सत्ता में आ गई।