देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, जो कि इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं, की किताब ‘द प्रेसीडेंशियल ईयर्स’ को लेकर उनके बेटे और बेटी में टकराव देखने को मिला है। दरअसल पूर्व राष्ट्रपति के बच्चे ट्विटर पर उनकी किताब के प्रकाशन को लेकर आपस में भिड़ गए। प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी जहां चाहती हैं कि ये किताब छापी जाए तो वहीं उनके बेटे अभिजीत को ऐसा किए जाने पर आपत्ति है।
अभिजीत मुखर्जी का कहना है कि उनकी सहमति के बिना उनके पिता की किताब को न छापा जाए जबकि शर्मिष्ठा मुखर्जी का कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति की किताब को छपने देने में उनके भाई बाधा डाल रहे हैं। दरअसल पूर्व राष्ट्रपति ने अपनी यादों के लेखेजोखे में कांग्रेस पार्टी की आलोचना की है। इस किताब में मुखर्जी ने लिखा है कि किस तरह से कांग्रेस 2012 के बाद से रास्ते से भटक गई। रूपा प्रकाशन इस किताब को छापने वाला था। फिलहाल विवाद के चलते किताब छपेगी या नहीं ये तय नहीं हो सका है।
अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि उनके पिता की किताब को उनकी मर्जी के बिना न छापा जाए। वहीं शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि कोई सस्ती लोकप्रियता के लिए उनके पिता की किताब को छपने से न रोके। ऐसा करना पूर्व राष्ट्रपति का अपमान होगा। अभिजीत मुखर्जी ने कहा, ‘चूंकि उनके पिता का स्वर्गवास हो चुका है इसलिए उनकी इजाजत के बिना किताब न छापी जाए। पहले ही किताब के कुछ हिस्से बिना सहमति के वायरल हो रहे हैं। ऐसें में कॉपी की फाइनल प्रति पढ़े बगैर वे इसे छापने की इजाजत नहीं दे सकते। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि मुखर्जी जीवित होते तो वे भी जरूर ऐसा करते।’
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्विटर पर कहा, ‘मैं अपने भाई से विनती करती हूं कि वे इस किताब को छपने दें। प्रणव मुखर्जी मरने से पहले किताब को पूरी कर गए हैं। कृपया इस काम में बाधा न डालें। अंतिम ड्राफ्ट में मेरे पिता के हाथ से लिखे नोट्स और टिप्पणियां हैं जिनका सख्ती से पालन किया गया है। उनके द्वारा व्यक्त किए गए विचार उनके खुद के हैं और किसी को भी किसी सस्ती लोकप्रियता के लिए किताब छपने देने से रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।’