पश्चिम बंगाल में कमरहाटी विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार एवं जेल में बंद पूर्व मंत्री मदन मित्रा उम्मीद कर रहे हैं कि विधानसभा क्षेत्र के हजारों मतदाता उन्हें वोट करेंगे। लेकिन दुर्भाग्य से वह स्वयं एक पंजीकृत मतदाता होने के बावजूद मतदान नहीं कर पाएंगे।

चुनाव आयोग सूत्रों ने इसकी पुष्टि की कि वर्तमान में सारदा चिटफंड घोटाले में अलीपुर जेल में बंद मित्रा को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, “सभी कैदी चाहे वे विचाराधीन हों या दोषी उन्हें मतदान का अधिकार नहीं होता। इस नियम के लिए मित्रा कोई अपवाद नहीं।”

जनप्रतिनिधि कानून 1951 कहता है, “यदि कोई व्यक्ति जेल में सजा काटने या पुलिस की हिरासत में बंद हो वह किसी चुनाव में मतदान नहीं कर सकता।” हालांकि नियम कैदियों को तब तक उम्मीदवार बनने की इजाजत देता है जब तक कि वह अदालत द्वारा दोषी नहीं ठहरा दिये जाते। पश्चिम बंगाल में ऐसा पहली बार है जब कोई हाईप्रोफाइल उम्मीदवार जेल से चुनाव लड़ रहा है।