बीजेपी की सरकारों का नया शगल है कि जो सच बोले या सच लिखे उसके खिलाफ राष्ट्रदोह का केस दर्ज कर दो। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों की आवाज को कुचलने की कोशिश हुई। रिटायर आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने सरकार की इस मंशा की जमकर निंदा की है।

सूर्य प्रताप सिंह ने ट्विटर पर सरकार को आइना दिखाते हुए लिखा कि ये परंपरा ठीक नहीं है। पहले सच को खुलेआम झूठ बोलने से शुरुआत हुई। अब सच लिखने वालों को खुलेआम मुक़दमे की धमकी दी जा रही है। उन्होंने सवाल किया कि इतनी नफ़रत, इतना ग़ुस्सा आखिर किस बात का है। करोड़ों का सूचना बजट आपकी निजी संपत्ति नहीं करदाता का धन है। उसे सवाल करने और सच जानने का पूरा अधिकार है। आप आवाज को दबा नहीं सकते।

गौरतलब है कि बीजेपी सरकार ने कई ऐसे लोगों पर आपराधिक मामले दर्ज किए हैं जो सरकार के खिलाफ बोल रहे थे। जब ये मामले कोर्ट में गए तो वहां से भी सरकार को फटकार लगी। दिल्ली दंगे हो या फिर कोई टूलकिट केस। सरकार को कोर्ट ने जमकर आड़े हाथ लिया है। अदालतें मान रही हैं कि ये रवैया ठीक नहीं।

उधर, सोशल मीडिया पर सूर्य प्रताप सिंह का लोगों ने जमकर समर्थन किया। सम्राट सिंह चौहान के हैंडल से ट्वीट किया गया कि हिटलर शाही खून में है इनको सत्ता का सुख बहुत समय बाद मिल रहा हैं तो पागलपन स्वाभाविक है। अलताफ खान ने इसके जवाब में लिखा-सर अब तो यही होगा जनता जब तक खुद सड़क पर आकर आंदोलन नहीं करेगी तब तक ये तानाशाही करते रहेंगे।

डीपी सिंह ने लिखा- जिस देश में “को नृप होय, हमैं का हानी” जनमानस के दिलोदिमाग में बस चुका हो, वहां राजनेताओं की विद्रूपता पर कोई आवाज नहीं उठती। अश्वनि भाटिया के हैंडल से लिखा गया-मतलब पड़ने तक शहद वरना जहर है लोग…।

डॉ. रवि ने रिटायर आईएएस से ही सवाल पूछा कि सरकारी तंत्र ही मुख्यधारा है और सरकारी नौकरी सबका हक है क्योंकि सरकार सभी के पैसों से बनती और चलती है। सरकारी नौकरी देकर लोगों को इस मुख्यधारा में शामिल किए बगैर सब धोखा है, दिखावा है, अन्याय है। फिलहाल #GovtjobforAll ही पहला औऱ आखिरी न्याय है। अपनी तरह सब को मुख्यधारा में लाइए।