भारत और रूस के बीच मोस्‍ट एडवांस्‍ड एयर डिफेंस सिस्‍टम के लिए समझौता हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने शनिवार को इस संबंध में साइन किए। सूत्रों के अनुसार इस समझौते के तहत भारत पांच एस-400 ट्रायंफ एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम के लिए 39 हजार करोड़ रुपये देगा। यइ मिसाइलें दिन और रात दोनों समय दागी जा सकती हैं। एस-400 रूस का सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्‍टम है। इसे रूस ने सीरिया में तैनात कर रखा है। इस सिस्‍टम के जरिए रूस सीरिया के राष्‍ट्रपति बशर अल असद के समर्थन में बमबारी कर रहा है। इस सिस्‍टम से 300 निशाने ट्रेक किए जा सकते हैं और 400 किलोमीटर तक 36 टारगेट को शूट किया जा सकता है। इस सिस्‍टम के सेंसिटिव रडार स्‍टील्‍थ एयरक्राफ्ट को भी ट्रेक कर सकते है। स्‍टील्‍थ एयरक्राफ्ट को अन्‍य सिस्‍टम से ट्रेक नहीं किया जा सकता।

इन मिसाइलों के जरिए भारत न्‍यूक्लियर पावर प्‍लांट और बड़े सरकारी दफ्तरों की सुरक्षा करने में सक्षम होगा। इसके साथ ही भारत को चीन और पाकिस्‍तान से परमाणु मिसाइलों से भी सुरक्षा मिलेगी। मोदी और पुतिन के बीच भारतीय नेवी के लिए फ्रिगेट के निर्माण को लेकर भी समझौता हुआ। साथ ही मल्‍टी टास्किंग केमोव-226 हेलीकॉप्‍टर पर भी दोनों देशों में सहमति बनी थी। मोदी सरकार आने के बाद से भारत ने रक्षा क्षेत्र में कई महत्‍वपूर्ण सौदे किए हैं। इनमें सोवियत काल के सैन्‍य उपकरणों के अपग्रेड के लिए 100 बिलियन डॉलर का सौदा हुआ है। पिछले महीने भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए 8.8 बिलियन डॉलर का सौदा किया है। बताया जा रहा है कि ये विमान भारत को 36 महीनों से पहले ही मिल जाएंगे। दोनों देशों के बीच पिछले एक दशक से इस सौदे को लेकर विचार-विमर्श हो रहा था।

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सरकार में पदस्थ एक अधिकारी ने कहा, “भारत और रूस फिर से नजदीक आए हैं। हम रक्षा क्षेत्र में सहयोग को लेकर मास्को के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हमारे संबंधों की प्रगाढ़ता का एक नमूना एस-400 एंटी एयरक्राफ्ट सिस्टम की खरीद है। अमेरिका के साथ भी हमारे रिश्ते अच्छे हैं लेकिन मास्को के साथ हमारी दोस्ती पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़नेवाला है।”

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