प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दफ्तर, राष्ट्रपति भवन और देश के जाने-माने होटलों में एक खास तरह के चूल्हों पर खाना पकाया जाता है। इन चूल्हों की खासियत यह है कि यह धुआं रहित और फ्लेमलैस और बायोगैस आधारित हैं। बायोगैस आधारित इन स्वचालित चूल्हों को ‘अग्निसुमुख’ नाम की कंपनी मैन्यफैक्चर करती है। कंपनी का दावा है कि इनसे 30% से अधिक गैस ईंधन की बचत होती है।

BURNER लेकिन यह सफर इतना आसान नहीं रहा। इकनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, राव को कुकिंग का शौक है और वह अक्सर सोचते थे कि वह भारतीय खाने की दुनियाभर में अलग पहचान बनाएंगे इसके लिए उन्होंने एक रेस्तरां भी शुरू किया। इस दौरान उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि देश में कुकिंग स्टोव्स में नई तकनीक की जरूरत है। उन्हें यह भी आभास हुआ कि ब्लू फ्लेम वाले चूल्हों में हीट की दक्षता कम होती है इसके साथ ही ऐसे चूल्हे उच्च गैस के दबाव में काम करते हैं।

इसके बाद राव ने इनोवेटिव इंडस्ट्रियल चूल्हों का निर्माण शुरू किया। इनकी खासियत यह है कि यह ईंधन के साथ-साथ ऑपरेशनल कॉस्ट में भी भारी बचत करता है।

‘अग्निसुमुख’ कई तरह के कुकिंग प्रोडक्ट की मैन्यूफैक्चरिंग करती है। इसमें चूल्हें, ब्रैट पैन और तंदूर जैसे उपकरण शामिल हैं। इन सभी की खासियत है कि ये लो प्रेशर में भी ऑपरेट किए जाते हैं। इनमें कम समय में कुकिंग की जा सकती है। इसके साथ ही इनमें ऑटोमेटेड कंट्रोल भी मिलता है।

2014 के बाद कंपनी ने इंडस्ट्री में अपने को मजबूती से पेश किया। कंपनी ने आईटीसी होटल्स के साथ कॉन्ट्रेकट साइन किया। इसके बाद कंपनी के क्लाइंट्स की लिस्ट लंबी होती गई। मौजूदा समय में ताज ग्रुप, रैडिसन ब्लू, अक्षयपात्र और अपोलो हॉस्पिटल में भी ‘अग्निसुमुख’ की कुकिंग प्रोडक्ट्स पर खाना पकाया जाता है। इसके अलावा पीएमओ और राष्ट्रपति भवन में भी इसी कंपनी के प्रोडक्ट्स के जरिए ही खाना पकाया जाता है।

राव ने ईटी को बताया कि ‘अग्निसुमुख कुकिंग प्रोडक्ट्स प्रति वर्ष कार्बन उत्सर्जन में 10 मिलियन की कमी आती है। इसके साथ ही यह सेहत के लिए नुकसानदेह नहीं है। मेरे प्रोडक्ट्स के जरिए पर्यावरण को ज्यादा नुकसान नहीं होता है।’