विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दरअसल इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत, यूरोप और अफ्रीका के कुछ देशों में मां का दूध भी अशुद्ध हो गया है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती खड़ी हो गई है। दरअसल मां के दूध में खतरनाक केमिकल पाए गए हैं। कई जगहों पर मां के दूध में केमिकल का स्तर बहुत ऊंचा पाया गया है। एफएओ की इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मां के दूध में यह अशुद्धता उपज बढ़ाने के लिए खेती में कीटनाशकों और रसायनों के बेतहाशा इस्तेमाल के कारण आयी है। बुधवार को एफएओ ने यह रिपोर्ट रोम में जारी की है। एफएओ का कहना है कि दुनिया भर में मिट्टी प्रदूषण ने खाद्य सुरक्षा और मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है।
मिट्टी प्रदूषण तेजी से बढ़ाः एफएओ का कहना है कि मिट्टी प्रदूषण से पैदा होने वाले खतरों का अभी तक कोई विस्तृत अध्धयन नहीं किया गया है, इसलिए इस संकट का अंदाजा अभी तक पूरी तरह से नहीं लगाया जा सका है। रिपोर्ट के अनुसार, मिट्टी प्रदूषण के लिए बेतहाशा औद्योगिकीकरण, युद्ध, खनन और कृषि के लिए इस्तेमाल हो रहे कीटनाशक और रसायनों का बहुत बड़ा हाथ है। वहीं बढ़ते शहरीकरण ने मिट्टी प्रदूषण को और ज्यादा बढ़ा दिया है, जिसमें शहरी कचरे की बड़ी भूमिका है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मिट्टी प्रदूषण के कारण हमारा खाना, पानी और हवा तक प्रदूषित कर रहा है। इसके साथ साथ मिट्टी प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य के इकोसिस्टम को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है, जिसके खतरों का अभी सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है।
विभिन्न देशों में क्या स्थितिः एफएओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया में लगभग 80 हजार स्थान मिट्टी के प्रदूषण से प्रभावित हैं। चीन की जमीन का तो 16 फीसदी हिस्सा और खेती की 19 फीसदी जमीन मिट्टी के प्रदूषण से प्रभावित है। वहीं यूरोपीय और बालकान देशों में 30 लाख स्थानों पर मिट्टी के प्रदूषित होने के प्रमाण मिले हैं। अमेरिका जैसा देश भी इस प्रदूषण से अछूता नहीं है, तभी तो अमेरिका के 1300 स्थानों पर मिट्टी प्रदूषण पाया गया है।