बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला मामले से जुड़े एक मुकदमे में रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत शनिवार (23 दिसंबर) को फैसला सुनाया। जगन्नाथ मिश्रा, ध्रुव भगत, विद्या सागर बरी कर दिए गए हैं। प्रमुख आरोपी व घोटाले के समय बिहार के सीएम रहे लालू प्रसाद यादव, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा, आर के राणा, तीन आईएएस अधिकारी फूलचंद सिंह, बेक जूलियस एवं महेश प्रसाद, कोषागार के अधिकारी एस के भट्टाचार्य, पशु चिकित्सक डा. के के प्रसाद तथा शेष अन्य चारा आपूर्तिकर्ताओं को दोषी ठहराया गया है। सभी दोषियों को 3 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी। तब तक के लिए सभी को जेल भेजने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। सजा के ऐलान तक दोषी जेल में ही रहेंगे। देवघर कोषागार से अवैध ढंग से पैसा निकालने के मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र एवं कई अन्य राजनेताओं तथा आईएएस अधिकारियों समेत 22 आरोपी रांची में सीबीआई की विशेष अदालत में शनिवार सुबह पेश हुए थे।
वहीं, लालू के खिलाफ फैसले पर पार्टी आरजेडी ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। पार्टी प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि उनके पास ऐसे सबूत हैं, जिनके आधार पर हाई कोर्ट से राहत मिलेगी। मनोज ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी बीजेपी अपने विरोधियों से डील करने की कोशिश करती है। अगर नाकाम होती है तो उन्हें इस तरह से डराती है। मनोज ने कहा, ‘हम ऐसे लोगों से कहना चाहते हैं कि आपका अंत शुरू हो चुका है।’ वहीं, जेडीयू ने कहा कि बिहार का एक राजनीतिक अध्याय खत्म हो चुका है।
यहां पढ़ें Fodder Scam Case Verdict Judgement(चारा घोटाला फैसला):
-लालू यादव के ट्विटर हैंडल से सिलसिलेवार ट्वीट कर बीजेपी पर हमला किया गया। इसमें कहा गया कि धूर्त भाजपा अपनी जुमलेबाजी व कारगुजारियों को छुपाने और वोट हासिल करने के लिए विपक्षियों का पब्लिक पर्सेप्शन बिगाड़ने के लिए राजनीति में अनैतिक और द्वेष की भावना से ग्रस्त गंदा खेल खेलती है। अगले ट्वीट में कहा गया कि झूठे जुमले बुनने वालों सच अपनी जिद पर खड़ा है। धर्मयुद्ध में लालू अकेला नहीं पूरा बिहार साथ खड़ा है।
झूठे जुमले बुनने वालों सच अपनी ज़िद पर खड़ा है।धर्मयुद्ध में लालू अकेला नहीं पूरा बिहार साथ खड़ा है।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 23, 2017
धूर्त भाजपा अपनी जुमलेबाज़ी व कारगुज़ारियों को छुपाने और वोट प्राप्त करने के लिए विपक्षियों का पब्लिक पर्सेप्शन बिगाड़ने के लिए राजनीति में अनैतिक और द्वेष की भावना से ग्रस्त गंदा खेल खेलती है।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 23, 2017
– राजद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि वह ऊपरी अदालत में फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। पार्टी नेताओं का कहना है कि उन्हें न्याय व्यवस्था में विश्वास है। पार्टी के मनोज झा ने कहा कि लालू को जबरन फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि ‘कल तक जो पिंजड़े में तोता था, मगर आज उसे चिप से नियंत्रित किया जा रहा है। जो उनके सामने झुक जाता है, वह बच जाता है जो नहीं झुकता, उसे झेलना पड़ता है।’
– अदालत ने लालू समेत कुल 15 आरोपियों को दोषी ठहराया है। डिप्टी सीएम जगन्नाथ मिश्रा समेत 7 अन्य को निर्दोष पाते हुए बरी कर दिया गया है।
– लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी के साथ रांची की विशेष सीबीआई अदालत पहुंच चुके हैं। अदालत के बाहर बेहद भीड़ है। फैसला किसी भी क्षण आ सकता है।
– फैसला आने से पहले ही बिहार की राजनीति गरमा गई है और सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। राजद जहां इस मामले में विपक्षियों द्वारा फंसाने का आरोप लगा रहा है वहीं सत्ताधारी जनता दल (युनाइटेड) के नेता लालू को सजायाफ्ता बताते हुए उन्हें भ्रष्टाचार का पर्याय बताया जा रहा है। जद (यू) के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि नई परिस्थिति में भ्रष्टाचार के खिलाफ देश में जो नजरिया उत्पन्न हुआ है और लोगों की जो मनोदशा है, उसके मुताबिक अदालत का यही फैसला देश के लिए एक नजीर बनेगा। उन्होंने राजद पर तंज कसते हुए कहा, “लालू प्रसाद पहले से ही सजायाफ्ता हैं और इस फैसले को लेकर राजद के नेता ऐसे ‘रांची चलो’ अभियान चला रहे हैं, जैसे लालू को आजादी की लड़ाई के मामले में फैसला सुनाया जाने वाला है।” उन्होंने कहा कि लालू खुद भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त हैं ही उनके बेटे तेजस्वी (26) भी भ्रष्टाचार के मामले में फंसे हैं। उन्होंने कहा कि राजद की नीति धर्मनिरपेक्ष की छद्म लडाई में संपत्ति उगाही की रही है और अदालत का भ्रष्टाचार के पर्याय बने लालू के खिलाफ यह फैसला देश के लिए नजीर बनेगा।
– राजद नेता मनोज झा ने कहा कि लालू यादव ने कोई गलती नहीं की और उन्हें जान-बूझकर फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि न्यायालय पर हमारा पूरा विश्वास है और लालू यादव बरी किए जाएंगे। लालू ने ही इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। राजद के उपाध्यक्ष और चारा घोटाला को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ने वाले शिवानंद तिवारी ने कहा, “नीतीश को सत्ता में लाने के लिए लालू के खिलाफ मामला दर्ज कर मैंने बड़ा पाप किया और आज मुझे ग्लानि हो रही है।”
– साल 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपए का फर्जीवाड़ा करके अवैध ढंग से पशु चारे के नाम पर निकासी के इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे। इनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्तूबर, 1997 को मुकदमा संख्या आरसी/64 ए/1996 दर्ज किया था और करीब 21 साल बाद इस मामले में शनिवार को फैसला आने वाला है।
– राजद अध्यक्ष पर अदालत के फैसला आने से पहले पटना स्थित लालू के आवास के बाहर सन्नाटा पसरा है, वहीं पूजा-अर्चना का दौर भी जारी है। राजद के एक नेता ने बताया कि तेजप्रताप ने इससे पहले साई मंदिर पहुंचकर ईश्वर से अपने पिता के लिए दुआ मांगी। लालू आवास के बाहर हालांकि दो-चार सुरक्षाकर्मिययों को छोड़कर सन्नाटा पसरा हुआ है। आमतौर पर सुबह से ही लालू आवास के बाहर राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ देखी जाती थी।
– बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने लालू यादव के समर्थन में ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, ”उम्मीद और दुआ करता हूं कि देश के दोस्त, लोगों के हीरो और गरीबों के पसंदीदा लालू यादव को मनचाहा और योग्य न्याय मिले। सत्यमेव जयते?? ईश्वर भला करे!”
Hope wish & pray that the friend of the nation, hero of masses & favorite of downtrodden, one & only one Lalu Yadav gets the most desired & deserving justice. Satyamev Jayate??!!. God Bless!
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) December 23, 2017
– रांची की विशेष सीबीआई अदालत लालू यादव व अन्य आरोपियों पर फैसला दोपहर तीन बजे के बाद सुनाएगी। अदालत ने फैसला सुनाने का वक्त बदल दिया है।
– लालू यादव कुछ ही देर में रांची की विशेष सीबीआई अदालत में पेश होंगे।
Lalu Prasad Yadav to appear before special CBI Court in Ranchi shortly #FodderScamVerdict pic.twitter.com/J6vIkTDB3h
— ANI (@ANI) December 23, 2017
– लालू के अधिवक्ता चितरंजन प्रसाद ने बताया कि इस मामले में यदि लालू एवं अन्य को दोषी ठहराया जाता है तो उन्हें अधिकतम सात वर्ष की एवं न्यूनतम एक वर्ष की कैद की सजा होगी। इस बीच सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि देवघर कोषागार से फर्जीवाड़ा करके अवैध ढंग से धन निकालने के इस मामले में लालू प्रसाद यादव एवं अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक षड्यन्त्र, गबन, फर्जीवाड़ा, साक्ष्य छिपाने, पद के दुरुपयोग आदि से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 409, 418, 420, 467, 468, 471, 477 ए, 201, 511 के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(डी) एवं 13(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया था। सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में गबन की धारा 409 में दस साल तक की और धारा 467 के तहत तो आजीवन कारावास की भी सजा हो सकती है।
– इस मुकदमे में लालू, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा एवं ध्रुव भगत, आर के राणा, तीन आईएएस अधिकारी फूलचंद सिंह, बेक जूलियस एवं महेश प्रसाद, कोषागार के अधिकारी एस के भट्टाचार्य, पशु चिकित्सक डा. के के प्रसाद तथा शेष अन्य चारा आपूर्तिकर्ता आरोपी थे। सभी 38 आरोपियों में से जहां 11 की मौत हो चुकी है, वहीं तीन सीबीआई के गवाह बन गए जबकि दो ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया था जिसके बाद उन्हें 2006-7 में ही सजा सुना दी गयी थी।