फिल्मकार संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ की आलोचना करने वाले लोगों पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सोमवार को कहा कि फिल्म पर विवाद राजस्थानी महिलाओं की स्थिति पर ध्यान देने का एक मौका है और शिक्षा ‘घूंघट’ या सिर पर पर्दे से ज्यादा महत्वपूर्ण है। थरूर ने ट्वीट कर कहा, “‘पद्मावती’ विवाद आज राजस्थानी महिलाओं की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने का एक मौका है, न कि छह शताब्दी पुरानी महारानियों पर ध्यान केंद्रित करने का। राजस्थान की महिला साक्षरता दर सबसे कम है। शिक्षा ‘घूंघट’ से ज्यादा जरूरी है।”
‘पद्मावती’ 1 दिसंबर को रिलीज हो रही है। फिल्म के विषय के कारण कुछ समूह इसका विरोध कर रहे हैं। खासकर राजपूत मुख्य रूप से दावा कर रहे हैं कि फिल्म इतिहास को बिगाड़ रही है और रानी पद्मावती का गलत चित्रण कर रही है। जबकि भंसाली ने इससे इनकार किया है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र में केंद्रीय बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) सलाहकार समिति के सदस्य और भाजपा नेता अर्जुन गुप्ता ने कहा है कि भंसाली को ‘देशद्रोह’ के लिए दंडित किया जाना चाहिए।
Agree totally. The #Padmavati controversy is an opportunity to focus on the conditions of Rajasthani women today ¬ just of queens six centuries ago. Rajasthan’s female literacy among lowest. Education more important thang Hoog hats https://t.co/82rvGmkfwO
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 13, 2017
सर्वोच्च न्यायालय ने फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया है। वहीं, कई फिल्म संघ सोमवार को निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ के समर्थन में आगे आए और फिल्म की रिलीज के खिलाफ राजपूत समूहों की ओर से दी जाने वाली धमकियों पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया। द इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आईएफटीडीए) के साथ ही सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (सीआईएनटीएए), वेस्टर्न इंडिया सिनेमैटोग्राफर्स एसोसिएशन (डब्ल्यूआईसीए), स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन (एसडब्ल्यूए), एसोसिएशन आफ सिने एंड टेलीविजन आर्ट डायरेक्टर्स एंड कास्ट्यूम डिजाइनर्स (एसीटीएडीसीडी) ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में भंसाली का समर्थन किया।