हवाई यात्रा के दौरान मुसाफिर की मौत, घायल होने, सामान खोने और फ्लाइट में देरी पर एयरलाइंस को ज्‍यादा मुआवजा राशि देनी होगी। नए विधेयक में अधिकतम मुआवजा राशि एक करोड़ रुपए तक रखी गई है। केंद्र सरकार 11 मार्च को विधेयक पारित कर चुकी है। इसके बाद बिल को राष्‍ट्रपति के पास भेजा गया था, जहां से इस पर सहमति मिल गई है और अब नए नियम जल्‍द ही लागू कर दिए जाएंगे। नए विधेयक के अस्तित्‍व में आते ही 2009 में सरकार की ओर से किए गए क्षतिपूर्ति के प्रावधान बदल जाएंगे। क्षतिपूर्ति का आकलन SDR (Special Drawing Rights) के आधार पर किया जाएगा। इससे यात्रियों को लाभ मिलेगा, क्‍योंकि उन्‍हें जो भी क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जाएगी वह लेटेस्‍ट एक्‍सचेंज रेट के आधार पर दी जाएगी।

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नए प्रावधान के तहत उड़ान में देरी के लिए क्षतिपूर्ति राशि 4,150 (SDR) से बढ़ाकर 4,694 की गई है। इसी प्रकार से अन्‍य क्षतिपूर्ति में राशि को बढ़ाया गया है। यूएन बॉडी इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) हर पांच साल के बाद क्षतिपूर्ति राशि में रिविजन करता है। भारत सरकार ने दिसंबर 2015 में इस संबंध में बिल पेश किया था, जिसे 2 मार्च को राज्‍य सभा में कुछ संशोधनों के साथ पारित किया था और 11 मार्च को निचले सदन ने बिल को हरी झंडी दिखा दी थी, जिसके बाद इसे राष्‍ट्रपति के पास भेज दिया गया।