प्रवासी मजदूर, जो लॉकडाउन के चलते अपने अपने घरों को लौट गए थे, अब लॉकडाउन में रियायत मिलने के साथ ही धीरे धीरे अपने काम पर वापस लौट रहे हैं। करीब 6 हफ्ते पहले ही चेन्नई से नाव खरीदकर समुद्र के रास्ते ओडिशा अपने घर लौटने वाले 39 मछुआरे भी अब वापस चेन्नई जाने का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि ओडिशा के ये मछुआरे उस वक्त चर्चा में आए थे, जब इन लोगों ने लॉकडाउन के बाद चेन्नई से करीब दो लाख रुपए में नाव खरीदकर समुद्र के रास्ते ओडिशा तक का सफर तय किया था।

एक तरफ जहां प्रवासी सड़क के रास्ते पैदल अपने अपने घर जा रहे थे, वहीं इन मछुआरों ने पहली बार समुद्र के रास्ते घर जाने का फैसला किया था। 24 अप्रैल को चेन्नई से चलकर 27 अप्रैल को ओडिशा पहुंचने वाले ये मछुआरे अब वापस काम पर चेन्नई लौटना चाहते हैं।

द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन मछुआरों का कहना है कि ओडिशा में मछली पकड़ने के उन्हें हर दिन सिर्फ 200 रुपए मिलते हैं, जो कि घर खर्च चलाने के लिए नाकाफी हैं। मछुआरों का कहना है कि ओडिशा में मछली पकड़ने से सिर्फ दो वक्त के खाने का जुगाड़ हो सकता है लेकिन इससे बाकी खर्चे पूरे नहीं हो सकते। यही वजह है कि अब ये मछुआरे वापस लौटना चाहते हैं।

बता दें कि इन मछुआरों ने चेन्नई से ओडिशा लौटने के लिए तीन इंजन वाली 1.83 लाख की नाव खरीदी थी। इसके लिए सभी ने 5000-5000 रुपए दिए। रास्ते में खाने पीने की व्यवस्था करने के बाद कुल खर्च 2.20 लाख तक पहुंच गया था। 24 अप्रैल को चेन्नई से चले इस दल ने 514 नॉटिकल माइल्स की दूरी 100 घंटे में पूरी की। यात्रा के दौरान मछुआरों का सामना कई मुश्किलों से पड़ा, जिनमें आंधी और खराब मौसम शामिल था। लेकिन हर मुश्किल को पार करने के बाद ये मछुआरे आखिरकार गंजम जिले स्थित अपने गांव पहुंच गए थे।