ऑपरेशन सिंदूर के बाद तीनों सेनाओं के डीजीएमओ द्वारा प्रेस ब्रीफ किया गया है। उनकी तरफ से ना सिर्फ ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से बताया गया है बल्कि पाकिस्तान को भी बड़ा संदेश मिला है। जोर देकर कहा गया है कि ऑपरेशन सिंदूर का एक ही उदेश्य था कि आतंकी नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करना था। कुल 9 कैंप्स को निशाने पर लिया गया था, इंटेलिजेंस ने उनका चयन किया था, कुछ पीओके में थीं तो कुछ पंजाब प्रांत में थीं। लश्कर के मुरीदके को भी टारगेट में शामिल किया गया था।

DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि उन 9 आतंकी ठिकानों पर किए गए हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदासिर अहमद जैसे लक्ष्य शामिल थे, जो IC814 के हाईजैक और पुलवामा ब्लास्ट में शामिल थे। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा का भी उल्लंघन किया गया और हमारे दुश्मन की अनिश्चित और घबराई हुई प्रतिक्रिया, दुर्भाग्यवश बड़ी संख्या में नागरिकों, बसे हुए गांवों और गुरुद्वारों जैसे धार्मिक स्थलों को निशाना बनाकर की गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई। भारतीय वायुसेना ने इन हमलों में अहम भूमिका निभाई और इनमें से कुछ शिविरों पर हमला किया तथा भारतीय नौसेना ने सटीक हथियारों के मामले में साधन उपलब्ध कराए।

एयर मार्शल ए.के. भारती ने भी जरूरी जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा कि 8 और 9 की रात को, 22:30 बजे से ही, हमारे शहरों पर ड्रोन, मानवरहित हवाई वाहनों का व्यापक हमला हुआ, जो श्रीनगर से शुरू होकर नलिया तक गया… हम तैयार थे और हमारी हवाई रक्षा तैयारियों ने सुनिश्चित किया कि जमीन पर या दुश्मन द्वारा नियोजित किसी भी लक्षित लक्ष्य को कोई नुकसान न पहुंचे… एक संतुलित प्रतिक्रिया में, हमने एक बार फिर गुजरांवाला में सैन्य प्रतिष्ठानों, निगरानी रडार स्थलों को निशाना बनाया… ड्रोन हमले सुबह तक जारी रहे, जिनका हमने मुकाबला किया। जबकि ड्रोन हमले लाहौर के निकट कहीं से किए जा रहे थे, दुश्मन ने अपने नागरिक विमानों को भी लाहौर से उड़ान भरने की अनुमति दे दी थी, न केवल उनके अपने विमान, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय यात्री विमान भी, जो काफी असंवेदनशील था और हमें अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी।

ऑपरेशन सिंदूर क्या है

पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए देश की तीनों ही सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान में आतंकियों के 9 ठिकानों को निशाने पर लिया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तो बताया था कि इस ऑपरेशन में कम से कम 100 आतंकी मारे गए। इस ऑपरेशन के जरिए कई पुराने आतंकी हमलों का हिसाब बराबर किया गया।