सीएसडीएस के शोध कार्यक्रम, लोकनीति के सह-निदेशक संजय कुमार के खिलाफ महाराष्ट्र में दो FIR दर्ज की गयी हैं। संजय कुमार के महाराष्ट्र चुनाव से संबंधित एक पोस्ट को डाटा में त्रुटि का हवाला देते हुए वापस लेने और ‘एक्स’ पर माफ़ी मांगने के एक दिन बाद, नागपुर और नासिक में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी। पुलिस ने दो तहसीलदारों की शिकायतों पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है।

इसके अलावा, बुधवार को, भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) ने सीएसडीएस को कारण बताओ नोटिस जारी किया। नोटिस में उन्हें से सात दिनों के भीतर यह बताने के लिए कहा गया कि उसकी अनुदान सहायता (grant-in-aid) वापस क्यों न ले ली जाए। आईसीएसएसआर ने कई अनियमितताओं को चिह्नित किया, जिनमें डेटा में हेरफेर और भारत के चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए इसे मीडिया के साथ साझा करना शामिल है।

आईसीएसएसआर ने संजय कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया

इस बीच, आईसीएसएसआर ने कारण बताओ नोटिस जारी कर उन मीडिया रिपोर्टों को चिन्हित किया है जिनमें सीएसडीएस के लोगों द्वारा मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए गए हैं और महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में आंकड़ों में हेरफेर की गई है। नोटिस में सीएसडीएस से इन अध्ययनों के वित्तपोषण के स्रोत का खुलासा करने को कहा गया है।

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नागपुर में एफआईआर रामटेक तहसीलदार की शिकायत पर दर्ज की गई जबकि नासिक में एफआईआर नासिक के नायब तहसीलदार की शिकायत पर दर्ज की गई, जिन्होंने कुमार पर देवलाली (एससी) विधानसभा क्षेत्र के बारे में झूठे और भ्रामक वोटर डाटा प्रसारित करने का आरोप लगाया था। नायब तहसीलदार प्रवीणा शेखर तड़वी ने कहा कि उन्हें राज्य चुनाव कार्यालय द्वारा कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था और तदनुसार एफआईआर दर्ज की गई।

संजय कुमार ने पोस्ट के लिए माफ़ी मांगी

17 अगस्त को संजय कुमार ने एक पोस्ट डाली जिसमें कहा गया कि महाराष्ट्र के रामटेक और देवलाली में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच मतदाताओं की संख्या में 36-38% की कमी देखी गई है। मंगलवार को उन्होंने इस पोस्ट के लिए माफ़ी मांगी। संजय कुमार ने कहा, “महाराष्ट्र चुनाव से संबंधित ट्वीट के लिए मैं तहे दिल से माफ़ी मांगता हूं। 2024 के लोकसभा और 2024 के विधानसभा चुनावों के आंकड़ों की तुलना करते समय यह त्रुटि हुई। हमारी डाटा टीम ने इन आंकड़ों को गलत पढ़ा था। अब यह ट्वीट हटा दिया गया है। मेरा किसी भी तरह की गलत सूचना फैलाने का कोई इरादा नहीं था।” पढ़ें- केंद्र ने शाह और राजनाथ की अध्यक्षता में गठित किया पैनल