वित्त मंत्रालय जल्द ही नॉर्थ ब्लॉक छोड़कर कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (CCS)-1 बिल्डिंग में अपना नया कार्यालय स्थापित करने की तैयारी कर रहा है। वहीं, आधिकारिक दस्तावेजों और सूत्रों के अनुसार, बजट प्रेस जहां वार्षिक केंद्रीय बजट प्रिंट होता है, को भी नए परिसर में शिफ्ट किया जाएगा। साथ ही नए बजट प्रेस को आधुनिक और हल्की मशीनों से सुसज्जित किया जाएगा।
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, वित्त मंत्रालय को CCS-1 बिल्डिंग के ग्राउंड, चौथे, पांचवे और छठे फ्लोर पर जगह आवंटित की गई है। वित्त मंत्रालय के कार्यालय जहाँ चौथे, पांचवें और छठे तल पर स्थित होंगे, वहीं बजट प्रेस ग्राउंड फ्लोर पर होने की संभावना है।
बजट प्रेस में प्रिंटिंग के बुनियादी ढांचे का अपग्रेडेशन
नई और हल्की मशीनों के लिए वित्त मंत्रालय ने 2 सितंबर को डिजिटल प्रोडक्शन प्रिंटर के लिए 10 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एक टेंडर जारी किया। टेंडर डॉक्यूमेंट्स के साथ संलग्न एक फ़ाइल नोटिंग में, वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि बजट प्रेस के स्थानांतरण के कारण, बजट दस्तावेज़ों की छपाई की समयबद्ध जरूरत को पूरा करने के लिए प्रिंटिंग के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने की जरूरत थी।
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अधिकारी ने बताया कि कंप्यूटर-टू-प्लेट सिस्टम, एक सिंगल-कलर वेब ऑफसेट प्रिंटिंग मशीन का इस्तेमाल करने का फ़ैसला लिया गया था। हालांकि, एक टेक्निकल कमेटी द्वारा स्थल का निरीक्षण करने और इस मामले पर विचार-विमर्श करने के बाद यह पाया गया कि नए परिसर का बुनियादी ढांचा काफ़ी बाधाएं पैदा करता है। नोटिंग में कहा गया है कि प्रस्तावित हाई-स्पीड वेब ऑफसेट मशीनों के लिए न्यूनतम 18 फीट ऊंचाई आवश्यक है जबकि सीसीएस भवन की अधिकतम ऊंचाई 16.4 फीट है।
CCS-1 बिल्डिंग का फ्लोर भारी मशीनों के अनुकूल नहीं
नोटिंग में कहा गया है, “इसके अलावा खासतौर से ग्राउंड फ्लोर पर, फर्श की भार वहन क्षमता, पेपर-कटर और ट्रिमर जैसी भारी-भरकम पोस्ट-प्रेस मशीनों के लिए अपर्याप्त पाई गई। इन तकनीकी सीमाओं के कारण मूल रूप से प्रस्तावित मशीनरी विकल्पों का पुनर्मूल्यांकन आवश्यक हो गया।”
फ़ाइल नोटिंग के अनुसार, बाज़ार सर्वे के बाद, तकनीकी समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची कि पारंपरिक ऑफ़सेट तकनीक से हटकर हाई स्पीड वाली डिजिटल प्रोडक्शन प्रिंटिंग प्रणालियों और इंकजेट वेब प्रेस का इस्तेमाल बेहतर होगा। ये आधुनिक डिजिटल मशीनें नए परिसर की संरचनात्मक और स्थान संबंधी सीमाओं के अनुकूल हैं।” अधिकारियों के अनुसार, छह मंजिला सीसीएस भवन को भारी मशीनरी रखने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया था।
सेंट्रल विस्टा योजना के तहत क्या है प्लान?
सेंट्रल विस्टा योजना के तहत, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक को संग्रहालयों में परिवर्तित किया जाना है जबकि शास्त्री भवन, निर्माण भवन, कृषि भवन और उद्योग भवन जैसे स्वतंत्रता के बाद के कार्यालय भवनों को ध्वस्त करके 10 नए सेंट्रल विस्टा भवन बनाए जाने हैं। सीसीएस-3 का उद्घाटन अगस्त में हुआ और इसका नाम कर्तव्य भवन-3 रखा गया जबकि मान सिंह रोड पर स्थित सीसीएस-1 के अक्टूबर 2025 में बनकर तैयार होने की संभावना है। सीसीएस-2 पर काम अभी भी जारी है। गृह मंत्रालय, कार्मिक मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और एमएसएमई मंत्रालय कर्तव्य भवन-3 में स्थानांतरित हो चुके हैं।