दिल्ली की अदालतों में यूं तो कई मुदकमों पर रोजाना बहसें होती है, लेकिन सोमवार को यहां एक मजेदार जिरह हुई। इस जिरह के दौरान कठघरे में थे वित्त मंत्री अरुण जेटली, और उनसे सवाल जवाब कर रहे थे देश के मशहूर वकील राम जेठमलानी। ये मामला था दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा अरुण जेटली पर लगाये गये मानहानि के आरोप का। इस केस में राम जेठमलानी अरविंद केजरीवाल की ओर से पैरवी कर रहे थे। घंटों तक चली इस बहस में वित्त मंत्री अरुण जेटली को राम जेठमलानी के तीक्ष्ण सवालों का सामना करना पड़ा, जेठमलानी ने जेटली से सवाल पूछा कि, ‘वो इस बात को समझाएं कि कैसे उनके सम्मान को पहुंचे चोट की भरपाई नहीं हो सकती और ये नुकसान मापे जाने योग्य नहीं है’ इसके अलावा जेठमलानी ने जेटली को ये भी कहा कि, ‘क्या आपके सम्मान को पहुंचे चोट का मामला ‘महानता के आपके निजी एहसास’ से तो जुड़ा नहीं है।
राम जेठमलानी ने कहा कि आप अपनी महानता का जो आकलन करते हैं, उसका कोई तार्किक कारण नज़र नहीं आता है। इसके जवाब में अरुण जेटली ने कहा कि, ‘मेरे सम्मान की जितनी बड़ी हानि हुई है उसका आकलन मुश्किल है। राम जेठमलानी ने जेटली को कहा कि, ‘आपने ये कैसे तय कर लिया कि आपके सम्मान की भरपाई नहीं हो सकती है।’ कानून के दोनों धुरंधरों के बीच चले इस बहस में कई मजेदार मोड़ आए, जेठमलानी के इस सवाल पर जेटली ने जवाब दिया कि, ‘ मेरे सम्मान को जो चोट पहुंचा है उसका मैने बहुत कम आकलन किया है, लेकिन सम्मान को चोट पहुंचने से मानसिक तनाव भी पैदा होता है और मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ है। जेटली ने तर्क दिया कि, ‘अगर मेरी पृष्ठभूमि, कद और मेरी प्रतिष्ठा को ध्यान में रखा जाए तो जो नुकसान मुझे और मेरे सम्मान को पहुंचा है वो इतना बड़ा है कि इसकी भरपाई नहीं की जा सकती है।’
बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अरुण जेटली पर बतौर दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) के अध्यक्ष रहते घोटाले के आरोप लगाये थे। जेटली 13 सालों तक (डीडीसीए) के अध्यक्ष थे। उन्होंने केजरीवाल के आरोपों को अदालत में चुनौती दी और 10 करोड़ रुपये का मानहानि का दावा किया था। केजरीवाल की ओर से इसी मुकदमे की पैरवी देश के वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी कर रहे हैं।