संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) 26 जनवरी को हरियाणा के जींद में ‘किसान महापंचायत’ आयोजित करेगा। किसानों की लंबित मांगों के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में जिला और ब्लॉक स्तर पर विरोध प्रदर्शन भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें गारंटीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य तय (guaranteed minimum support prices) करना, किसानों के आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों को वापस लेना शामिल है।

SKM की बैठक हुई

हरियाणा के करनाल स्थित गुरुद्वारा डेरा कार सेवा (Gurudwara Dera Kar Sewa) में शनिवार को SKM की बैठक हुई। शनिवार को बैठक के दौरान यूनियन ने तीन कृषि बिलों के खिलाफ किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले कंवर ग्रेवाल और रंजीत बावा सहित पंजाब के गायकों पर आयकर विभाग (Income Tax department) के छापे की निंदा की।

जनवरी में आगामी महापंचायत में लखीमपुर खीरी कांड (Lakhimpur Kheri incident) के आरोपियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग को लेकर SKM द्वारा आगे की कार्रवाई पर चर्चा की जाएगी। महापंचायत में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को कैबिनेट से हटाने की मांग पर भी चर्चा होगी।

किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने की एसकेएम की मांगों को लेकर चर्चा होगी। जेलों में बंद किसानों की रिहाई के लिए SKM के आह्वान पर भी चर्चा की जाएगी।

बता दें कि 14 माह चले किसान आंदोलन में शामिल किसानों पर दर्ज 86 मामलों को गृह मंत्रालय वापस लेगा। इसकी जानकारी किसान नेता राकेश टिकैत देंगे। राकेश टिकैत ने कहा, “रेलवे भी सभी मामले वापस लेगा। केंद्र की ये देर आए दुरुस्त आए की नीति दर्शाता है। भाकियू की मांग है कि सभी मामले वापस हों, तब तक एसकेएम चैन से नहीं बैठेगा। लडेंगे, जीतेंगे।”

इसके बाद राकेश टिकैत ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा का मामला उठाया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “400% फीस वृद्धि के खिलाफ प्रयागराज में शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे छात्रों की आवाज को दबाने का काम यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा किया गया। यूनिवर्सिटी प्रशासन और भारत सरकार इसका संज्ञान ले और त्वरित छात्रों की मांग पूरी की जाए।”