कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन दिल्ली से सटी सीमाओं पर जारी है। इसी बीच एक 61 वर्षीय किसान की टिकरी सीमा पर लाश मिली है। आंदोलनकारी किसान की गला रेतकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि गुरुवार की शाम झज्जर में नए बस स्टैंड के पास किसान का खून से लथपथ शव मिला। मृतक की गर्दन पर तेजधार हथियार के गहरे घाव हैं। माना जा रहा है कि किसी ने उसकी हत्या की है।

पुलिस ने बताया कि किसान के शव के बारे में प्रदर्शनकारियों ने सूचना दी थी। मृतक की पहचान बठिंडा के रहने वाले हकम सिंह के तौर पर हुई है। बहादुरगढ़ के डीएसपी पवन कुमार ने कहा, “हमने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपी की पहचान के लिए जांच कर रहे हैं। हम पता लगा रहे हैं कि मृतक कबसे यहां था और क्या उसका किसी से झगड़ा हुआ था, जिसकी वजह से यह स्थिति हुई। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए शवगृह में रखा गया है।”

बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन पर बैठे किसानों की मौत का सिलसिला रुक नहीं रहा है। इस तरह के हत्या के मामले से पहले सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर किसानों के सुसाइड और हादसे में मारे जाने की कई खबरें सामने आ चुकी हैं। हाल ही में पंजाब के सिद्धूपुर की रहने वाली बलवीर कौर की भी टिकरी बॉर्डर पर दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।

इससे पहले टिकरी बॉर्डर पर ही हरियाणा के एक किसान ने कुछ दिनों पहले आत्महत्या कर ली थी। किसान की पहचान राजबीर के तौर पर हुई थी। पुलिस के अनुसार आत्महत्या करने वाला किसान हिसार जिले का रहने वाला था और घटनास्‍थल के पास ही उसका शव एक पेड़ से लटकता हुआ मिला था। बताया गया था कि राजबीर कृषि कानूनों का विरोध शुरू से ही करता आया था और लंबे समय से आंदोलन से जुड़ा था।