Farmers Protest: न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने व अन्य मांगों को लेकर 297 दिनों से बॉर्डर पर डटे किसान शुक्रवार को एक बजे शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करेंगे। शंभू-खनौरी बॉर्डर पर करीब 10 हजार किसान इकट्ठा हो गए हैं। इन सभी को रोकने के लिए दोनों बॉर्डर पर अर्द्धसैनिक बलों की 29 कंपनियों को तैनात कर दिया है। किसान संगठनों ने आंदोलन को ‘दिल्ली चलो’ का नाम दिया है।

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसानों का 101 सदस्यीय मरजीवड़ा जत्था जाएगा। पंधेर ने कहा, ‘जत्था दिल्ली की ओर कूच करेगा। सरकार क्या करेगी, यह उन्हें सोचना है। हम दोपहर 1 बजे शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करेंगे।’ यह पूछे जाने पर कि अगर सरकार उन्हें मार्च करने से रोकती है तो वे क्या करेंगे, उन्होंने कहा कि फिर भी यह उनके लिए ‘नैतिक जीत’ होगी। उन्होंने कहा, ‘केंद्र और राज्यों में उनके नेता नियमित रूप से कह रहे हैं कि अगर किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं लाते हैं, तो कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इसलिए अगर हम पैदल दिल्ली जाते हैं, तो किसानों को रोकने का कोई कारण नहीं होना चाहिए।’

पुलिस ने सिक्योरिटी की टाइट

किसानों के दिल्ली कूच से पहले एनएच-44 पर शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और हरियाणा व पंजाब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ज्यादा फोर्स तैनात की है। अंबाला जिला प्रशासन ने बीएनएसएस की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है। इसमें जिले में पांच या ज्यादा लोगों की किसी भी गैरकानूनी सभा पर रोक है। उपायुक्त द्वारा जारी आदेश के अनुसार अगले आदेश तक पैदल, वाहन या अन्य साधनों से कोई भी जुलूस निकालने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है।

दिल्ली मार्च को लेकर किसान संगठनों में ही फूट, हरियाणा के किसानों ने बनाई दूरी

क्या है किसानों की मांग

यह इस सप्ताह की दूसरी पैदल मार्च योजना होगी। सोमवार को उत्तर प्रदेश के किसानों ने संसद तक मार्च करने की कोशिश की थी। उन्हें नोएडा में रोक दिया गया, लेकिन मार्च के कारण बॉर्डर के दोनों ओर भारी ट्रैफिक जाम हो गया। किसान संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले इकट्ठा हुए हैं और अन्य मांगों के अलावा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।

एमएसपी के अलावा, वे कृषि ऋण माफी, उनके और उनके मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली कूच रोक दिए जाने के बाद 13 फरवरी से वे पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। नोएडा में प्रदर्शन कर रहे किसानों की क्या थी मांगे पूरी खबर यहां क्लिक कर पढ़ें…