Farmer Protest: किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने बताया है कि 4 महीने 11 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अनशन खत्म कर दिया है। डल्लेवाल पिछले साल नवंबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर अनशन पर थे। केंद्र सरकार के साथ कई दौर की बातचीत फेल होने के बाद पंजाब सरकार ने 19 मार्च को पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसानों को बलपूर्वक हटा दिया था।
वहीं पंजाब हरियाणा बॉर्डर को लेकर पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि प्रदर्शनकारी किसान पूरी तरह से हट चुके हैं और सभी बंद पड़े हाइवे खुल गए हैं, जिसके चलते ट्रैफिक भी नॉर्मल हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की जमकर तारीफ की है और कहा है कि हम किसी भी तरह की वास्तविकता से अनजान नहीं है।
‘कुछ लोग नहीं चाहते निपटारा’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल की सराहना की और कहा कि वे एक सच्चे किसान हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल का कोई भी राजनीतिक एजेंडा नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम किसी वास्तविकता से अनजान नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि हम जानते हैं कि कुछ लोग किसानों की शिकायतों का निपटारा ही नहीं करना चाहते हैं।
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पंजाब सरकार से मांगी है रिपोर्ट
इसके साथ ही किसान आंदोलन को लेकर सर्वोच्च न्यायलय ने पंजाब और हरियाणा से जमीनी हालात पर स्थिति रिपोर्ट देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के सूर्यकांत ने इस दौरान कहाकि हमने पहले कहा था कि हाईवे को ब्लॉक नहीं किया जा सकता है क्योंकि वे देश की जीवनरेखा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अन्य सड़कें माल ढुलाई के लिए इतनी प्रभावी नहीं है। हाईवे जाम होने के चलते जम्मू-कश्मीर समेत हिमाचल प्रदेश तक का परिवहन प्रभावित हो रहा था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई बंद कर दी है।
किसान नेता बोले- जारी रहेगा आंदोलन
पंजाब में किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी-पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा था कि आज मुझे मुक्तसर साहिब जेल से रिहा कर दिया गया है। आम आदमी पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दावा किया था कि किसानों का विरोध केंद्र सरकार के खिलाफ है।
किसा नेता पंढेर ने कहा कि इससे एक अहम सवाल उठता है कि पंजाब सरकार को किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए क्या मजबूर होना पड़ा? हमारे टेंट, ट्रैक्टर और दूसरे सामान को जो नुकसान पहुंचा है, उसकी भरपाई सरकार को करनी चाहिए. हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
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