केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रण भेजा था। इस वार्ता के लिए गुरुवार को किसान विज्ञान भवन पहुंचे। जहां बातचीत के दौरान ब्रेक लिया गया। ब्रेक के दौरान किसानों के लिए सरकार की ओर से खाने का इंतजाम किया गया था। लेकिन किसानों ने वह खाना नहीं खाया। किसानों ने अपना खाना बाहर से मंगवाया और सरकार की ओर से पेश कोई भी चीज खाने से इनकार कर दिया।
किसानों का खाना खाते हुए यह वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने भी इस वीडियो को शेयर किया है। एएनआई ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा “केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ विज्ञान भवन में बैठक के लिए गए किसान ब्रेक के दौरान, सरकार द्वारा किए गए खाने के प्रबंध की जगह अपने लाए हुए खाने को बांटकर खाते हुए।”
किसान नेताओं ने बताया कि उनके लिए लंगर से खाना आया था। किसानों के लिए राजमा-चावल, सब्ज़ी पूरी और दाल-सब्ज़ी रोटी लंगर से लायी गयी थी। इसके साथ ही एक ड्रम चाय भी लाई गयी थी। किसानों ने अपना लंगर एम्बुलेंस से मंगवाया था।
#WATCH | दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ विज्ञान भवन में बैठक के लिए गए किसान ब्रेक के दौरान, सरकार द्वारा किए गए खाने के प्रबंध की जगह अपने लाए हुए खाने को बांटकर खाते हुए। #FarmersProtest pic.twitter.com/GGvDWpPvQm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2020
विज्ञान भवन में करीब 40 किसान संगठनों के नेता और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल के बीच मीटिंग चल रही है। इस बैठक में किसानों ने एक बार फिर तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग की। किसानों ने लिखित में मांग दी। इसके साथ ही किसानों ने पराली/ वायु प्रदूषण को लेकर जो कानून आया था उसे वापस लेने की बात की। इसके अलावा इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट एक्ट 2020 जो आने वाला है उसको लेकर भी किसानों ने लिखित में आपत्ति जताई।
बता दें नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 8वें दिन भी जारी है। दिल्ली से नोएडा बॉर्डर पर कई किसान डेरा डाले हुए हैं और रास्ते को बंद कर दिया है। जबकि कई अन्य समूहों ने टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर और चिल्ला बॉर्डर पर आवागमन को रोक दिया है।
इसी बीच भीम आर्मी चीफ चंद्र शेखर ने सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने कहा, “अगर सरकार तानाशाह हो जाती है तो लोगों को सड़कों पर उतरना चाहिए। सरकार को इस आंदोलन को रोकना चाहिए। हम अपने किसानों का समर्थन करने के लिए यहां हैं और अंत तक उनके साथ खड़े रहेंगे।”