गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने यह कहकर ‘फैबइंडिया’ का बचाव किया कि स्टोर के कुछ कर्मचारियों की शरारत के लिए कंपनी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ‘फैबइंडिया के ट्रायल रूम से सटा एक कैमरा पकड़ा था और इसके लिए कंपनी को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
पारसेकर ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘फैबइंडिया एक प्रतिष्ठित कंपनी मानी जाती है। व्यक्तिगत तौर पर मेरा मानना है कि इसमें कंपनी की कोई गलती नहीं, बल्कि उसके कर्मचारियों की शरारत है। कुछ व्यभिचारियों ने यह काम किया होगा।’’
इसी से जुड़े घटनाक्रम में ‘फैबइंडिया’ के कैंडोलिम स्टोर की प्रबंधक चैत्राली सावंत को सोमवार को मापूसा नगर की एक जिला अदालत ने अग्रिम जमानत दे दी।
पारसेकर ने कहा, ‘‘स्मृतिजी वीआईपी थीं इस कारण तुरंत संज्ञान लिया गया। हम देखेंगे कि ऐसी चीजें फिर से न हों। यह हर किसी के लिए एक सबक है।’’
उन्होंने कहा कि गोवा सभी महिला पर्यटकों के लिए सुरक्षित है और यह अपनी तरह की अलग घटना है।
यह पूछे जाने पर कि क्या पूरे गोवा के कपड़ों की दुकानों के ट्रायल रूमों की जांच की जाएगी, इस पर पारसेकर ने कहा कि इस बारे में पुलिस फैसला करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ट्रायल रूमों की जांच के लिए मैंने कोई निर्देश नहीं जारी किए हैं। यदि पुलिस ऐसा करती है तो जबरन वसूली के आरोप लग सकते हैं।’’
ईरानी के आरोप के बाद स्टोर के कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। सावंत ने शनिवार को अपने वकील के जरिए अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी।
इस बीच, स्टोर के कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने वाले भाजपा विधायक माइकल लोबो ने कहा कि कंपनी को इस घटना के मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर माफी जारी करनी चाहिए।
‘फैबइंडिया’ ने पहले बयान जारी कर कहा था कि उसके किसी भी स्टोर में कोई भी छुपा हुआ कैमरा नहीं था।