आधुनिक भारतीय कलाकार एस एच रजा का शनिवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।  वह 94 वर्ष के थे। रजा पिछले दो महीनों से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे और एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे। उनके घनिष्ठ मित्र कवि अशोक वाजपेयी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ उन्होंने सुबह 11 बजे अंतिम सांस ली। ’’ उनके निधन की इस खबर ने कला की दुनिया को शोकाकुल कर दिया है। दुनियाभर की प्रदर्शनियों को अपनी कला से सुशोभित करने वाले रजा बुढापे से संबंधित बीमारियों के चलते दो महीनों से जीवन के साथ संघर्ष कर रहे थे। उनकी इच्छानुसार उनका अंतिम संस्कार मध्य प्रदेश के मांडला में किया जाएगा।

मध्य प्रदेश के मंडला जिले में रजा का जन्म 22 फरवरी 1922 हुआ था। उन्होंने फ्रांसिस न्यूटन सूजा और के.एच. आरा के साथ मिलकर 1947 में बॉम्बे प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट्स ग्रुप बनाया। 50 के दशक में ही वे फ्रांस चले गए थे। कुछ साल पहले ही भारत लौटे थे। रजा को 1981 में पद्मश्री और ललित कला अकादेमी की रत्न सदस्यता जैसे सम्मान मिले थे। वह 1983 में ललित कला अकादमी के फैलो निर्वाचित हुए थे।

2007 में उन्हें पद्मभूषण मिला। 2013 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मविभूषण मिला था। उन्हें एस. एच. रजा के नाम से भी जाना जाता था। उनकी ज्यादातर पेंटिंग तेल या एक्रेलिक में बनी हैं। जून 2010 उनकी एक पेंटिंग 16.42 करोड़ में बिकी थीं जो खासी चर्चा में रही।