अदालत अगले महीने की पहली तारीख को फैसला करेगी कि विभिन्न चुनाव लड़ने के लिए चुनाव आयोग के समक्ष दायर हलफनामे में अपनी शैक्षणिक योग्यता के संबंध में कथित तौर पर गलत सूचना देने को लेकर उनके खिलाफ शिकायत पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को तलब किया जाए या नहीं। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरविंदर सिंह ने कहा कि आदेश तैयार नहीं है। उन्होंने मामले की अगली सुनवाई की तारीख एक अक्तूबर तय कर दी। अदालत ने तीन सितंबर को शिकायतकर्ता और लेखक अहमर खान की ओर से दी गई दलीलों और चुनाव आयोग और दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से ईरानी की शैक्षणिक डिग्री के संबंध में सौंपी गई रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। चुनाव आयोग की तरफ से मौजूद एक अधिकारी ने इससे पहले अदालत से कहा था कि शैक्षणिक योग्यता के संबंध में ईरानी द्वारा दायर दस्तावेज का पता नहीं चल रहा है।
अदालत के पूर्व के निर्देश के मुताबिक डीयू ने भी कहा था कि 1996 में बीए पाठ्यक्रम के संबंध में ईरानी के दस्तावेजों का मिलना बाकी है। इसका 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान दायर हलफनामे में कथित तौर पर उन्होंने उल्लेख किया था। अदालत ने पिछले साल 20 नवंबर को शिकायतकर्ता की अर्जी मंजूर कर ली थी जिसमें चुनाव आयोग और डीयू के अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई थी कि ईरानी की योग्यता के रिकॉर्ड को लाया जाए जब उन्होंने कहा कि वे अदालत के समक्ष उसे पेश करने में अक्षम हैं।
