परीक्षा में नाकाम होना एक 17 वर्षीय लड़की को इतना डरा गया कि उसने खुद के लिए ही किडनेपिंग की योजना बना ली। पुलिस के मुताबिक लड़की अपनी वार्षिक स्नातक परीक्षा में विफल हो गई थी और उसने इस विफलता के डर से अपहरण की झूठी कहानी रची और इंदौर से मध्य प्रदेश के उज्जैन भाग गई, लड़की को डर था की उसे उसके मां-बाप डाटेंगे.. पुलिस ने जानकारी दी कि वह इंदौर के एक कॉलेज में बैचलर ऑफ आर्ट्स (बीए) पाठ्यक्रम के पहले वर्ष में थी। फिलहाल उसे शनिवार (13 मई) को इंदौर से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित उज्जैन से लाकर परिवार को सौंप दिया गया है।

सीसीटीवी फुटेज से हुआ झूठ का खुलासा

इंदौर के बाणगंगा थाने के इंस्पेक्टर राजेंद्र सोनी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ”लड़की के पिता ने शुक्रवार रात शिकायत दर्ज कराई कि उनकी बेटी का परीक्षा परिणाम घोषित होने के कुछ घंटों बाद इंदौर में एक मंदिर के पास से अपहरण कर लिया गया, जब वह कॉलेज से घर जा रही थी।”

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि लड़की के पिता ने जानकारी दी थी कि उनकी बेटी ने उन्हें एक अज्ञात नंबर से फोन किया और सूचित किया कि उसका इंदौर में अपहरण कर लिया गया है। लड़की अपने पिता को बताया कि कॉलेज के एक फैकल्टी सदस्य ने उसे मंदिर के पास एक चौराहे पर छोड़ दिया था, जिसके बाद वह एक ई-रिक्शा में सवार हो गई थी।

इंस्पेक्टर ने कहा कि लड़की ने अपने पिता को यह भी बताया कि रिक्शा चालक उसे एक सुनसान जगह पर ले गया और उसके मुंह पर कपड़ा रख दिया जिससे वह बेहोश हो गई, पुलिस ने कहा, “जब लड़की द्वारा बताए गए क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई, तो उसका दावा गलत पाया गया।”

इस बीच पुलिस को उज्जैन में एक रेस्तरां में अकेली बैठी एक लड़की के बारे में जानकारी मिली और उसकी तस्वीर शिकायतकर्ता द्वारा दी गई तस्वीर से मेल खाती थी.” बाद में लड़की को इंदौर लाया गया और उसके बैग की जांच की गई। उसमें इंदौर-उज्जैन बस टिकट के साथ उज्जैन के एक रेस्टोरेंट का बिल मिला। बाद में एक महिला पुलिसकर्मी ने उसकी काउंसलिंग की। लड़की ने काउंसलर को बताया कि उसने अपहरण की कहानी गढ़ी क्योंकि वह बीए पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष की अंतिम परीक्षा में असफल होने के बाद अपने माता-पिता का सामना करने की स्थिति में नहीं थी। उसे डर था कि वे उसे डांटेंगे…पुलिस ने कहा कि लड़की को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया है।