ट्रायल रूम की ओर सीसीटीवी कैमरा केंद्रित होने के केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के आरोपों के बाद गोवा पुलिस प्रतिष्ठान के कर्मचारियों के खिलाफ इस संबंध में दर्ज मामलों में कल फैब इंडिया के दो शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ करेगी।

राज्य की अपराध शाखा ने फैब इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुब्रत दत्त और प्रबंध निदेशक विलियम बिसेल को समन जारी करते हुए उनसे जांच के दौरान मौजूद रहने को कहा है।

पुलिस अधीक्षक कार्तिक कश्यप ने आज पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘दोनों ने हमें सूचित किया है कि वे कल जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित रहेंगे।’’

गोवा पुलिस ने कल कहा था कि स्मृति ईरानी की शिकायत के बाद इस मामले से जुड़े सभी लोगों पर मुकदमा चलाया जायेगा और अन्य पीड़ितों को भी बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह कैंडोलिम स्थित फैब इंडिया के एक स्टोर पहुंचीं स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया था कि वहां ट्रायल रूम की ओर केंद्रित सीसीटीवी कैमरा लगा है।

इसके बाद भादंसं की धारा 354 सी और धारा 509 तथा आईटी अधिनियम की धारा 66ई के तहत मामला दर्ज करते हुए स्टोर के चार कर्मचारियों परेश भगत, राजू पायांचे, प्रशांत नाइक और करीम लखानी को गिरफ्तार किया गया था। बाद में हालांकि एक स्थानीय अदालत उन्हें जमानत दे दी थी।

फैब इंडिया के प्रबंधक को अग्रिम जमानत मिली:

फैब इंडिया के कैंडोलिम स्थित स्टोर में ट्रायल रूम की ओर केंद्रित करके कथित तौर पर सीसीटीवी कैमरा लगाये जाने के मामले में मापूसा शहर में एक जिला अदालत ने इस स्टोर की प्रबंधक चैत्राली सावंत को आज अग्रिम जमानम दे दी।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की शिकायत पर स्टोर के कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। स्मृति शुक्रवार को फैब इंडिया के कैंडोलिम स्थित स्टोर गई थी और उन्होंने सीसीटीवी कैमरा के ट्रायल रूम में केंद्रित होने की शिकायत की थी।

इस घटना के बाद से सावंत का कोई पता नहीं चल रहा था और उन्होंने शनिवार को अपने वकील के माध्यम से अग्रिम जमानत की अर्जी पेश की थी।

अदालत ने जमानत प्रदान करते हुए सावंत को दो दिन (आज और कल) उन जांच अधिकारियों के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया जो मामले की जांच का हिस्सा हैं।

न्यायाधीश डेसमंड डिकोस्टा ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में आईपीसी की धारा 354 को छोड़कर अन्य सभी धाराएं जमानती है। उन्होंने कहा कि उनपर आईपीसी की धारा 354 नहीं लागू होती है क्योंकि वह घटना के दौरान स्टोर में मौजूद नहीं थी।