भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पासपोर्ट विवाद के बाद बड़ा फैसला किया है। उन्होंने विवाह की स्थिति के कारण पासपोर्ट बनवाने में हो रही समस्याओं को खत्म करने का फैसला किया है। मंगलवार (26 जून) को ये जानकारी विदेश मंत्री ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा,”कई शादीशुदा पुरुष और महिलाओं ने उनसे ये शिकायत की थी कि पासपोर्ट आॅफिस में उनके विवाह प्रमाणपत्र की जरूरत पड़ती है। हमने इस नियम को खत्म करने का फैसला किया है। कुछ तलाकशुदा महिलाओं ने भी शिकायत की थी कि उन्हें पासपोर्ट बनवाने के लिए पूर्व पति और पूर्व पति से हुए बच्चों की भी जानकारी पासपोर्ट फॉर्म में भरनी पड़ती थी। इसलिए हमने नियमों को बदलने का फैसला किया है।”
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विदेश मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा है कि अब पासपोर्ट बनवाने में बाधा बनने वाले कई नियमों को आसान बनाने की कोशिश की गई है। जबकि आम नागरिकों को सुविधा देने वाले नियम भी बनाए गए हैं। विदेश मंत्री ने कहा,”पासपोर्ट के लिए आवेदन करने वालों को सबसे ज्यादा मुश्किल जन्मतिथि को लेकर उठानी पड़ती थी। इसके लिए जन्म प्रमाणपत्र मांगा जाता था। लेकिन हमने जन्मतिथि के लिए 7-8 ऐसे प्रमाणपत्रों को शामिल किया है। जिससे ये मुश्किल आसान हो जाएगी। अब आधार, ड्राइविंग लाइसेंस या फिर किसी भी सरकारी एजेंसी के द्वारा मान्यता प्राप्त कागजात पर दर्ज जन्मतिथि को प्रमाणित मान लिया जाएगा।
Married men & women complained that their marriage certificates are reqd. at passport office, we scrapped the rule. Some divorced women complained that they are reqd. to fill the name of ex-husband & their children of their estranged father. So we changed the rule: Sushma Swaraj pic.twitter.com/kwWbjGV4u5
— ANI (@ANI) June 26, 2018
साधुओं को भी मिलेगी सहूलियत : विदेश मंत्री ने तलाकशुदा महिलाओं के अलावा साधु-संतों के लिए भी मुश्किल आसान कर दी है। दरअसल अभी तक साधुओं को पासपोर्ट बनवाते वक्त अपने पिता का नाम देना पड़ता था, जबकि वह साधु होने के बाद अपने गुरु को ही अपना सर्वस्व मानते थे। नए बदलाव के मुताबिक अब साधु और संन्यासी अपने माता-पिता के बजाय अपने गुरु का नाम दे सकेंगे। तलाकशुदा पत्नी से उसके पूर्व पति या पतियों के नाम भी अब पासपोर्ट के आवेदन पर नहीं पूछे जाएंगे। वहीं अनाथालय में रहने वाले बच्चों के मामले में अनाथालय के प्रमुख जो भी जन्मतिथि देंगे। वही मान्य कर ली जाएगी।
हाल ही में पासपोर्ट में मैरिज सर्टिफिकेट के कारण खासा विवाद हुआ था। दरअसल लखनऊ के पासपोर्ट कार्यालय में मोहम्मद अनस और तन्वी सेठ ने पासपोर्ट अधिकारी पर अपने साथ धार्मिक भेदभाव करने का आरोप लगाया था। आरोप लगाते ही पासपोर्ट अधिकारी का तबादला कर दिया गया था। जबकि आरोप लगाने वाले दंपति को तत्काल बुलाकर अगले दिन हाथों-हाथ पासपोर्ट दे दिए गए थे। अब इस मामले में बताया जा रहा है कि दंपति के आरोप लखनऊ पुलिस की जांच के दौरान फर्जी पाए गए हैं। उनका पासपोर्ट रद भी किया जा सकता है।

