भारत-चीन सीमा पर तनातनी अब भी जारी है। कई मुद्दों पर दोनों देशों के बीच मतभेद दूर नहीं हो रहे हैं। इस बीच हाल ही में विपक्षी दल कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारत सरकार और विदेश मंत्रालय चीन के खिलाफ खुलकर नहीं बोलता है। इसके जवाब में मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि चीन का सार्वजनिक रूप से नाम लेने से वे नहीं डरते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा पर स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line Of Actual Control) पर सेना भेजने का फैसला राहुल गांधी का नहीं, मोदी सरकार का था। विदेश मंत्री बोले एलएसी पर इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी तैनाती हुई है। विदेश मंत्री ने चीन को लेकर राहुल गांधी के बयान पर कहा कि विपक्ष में कुछ लोग झूठ फैलाते रहते हैं। उन्हें जमीन सच्चाई की जानकारी नहीं रहती है।
विदेश मंत्री बोले- मैं चीन का नाम ले रहा हूं
न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में विदेश मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का यह आरोप सरासर गलत है कि पीएम मोदी और उनकी सरकार के मंत्री चीन का नाम लेने से डरते हैं। उन्होंने कहा कि मैं तो लेता हूं नाम और अब भी चीन का नाम ले रहा हूं।
चीन-भारत की सीमा पर तनाव के बीच भारत सरकार ने हाल ही में 9,000 जवानों को इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में शामिल करने की इजाजत दे दी है। इससे भारत की चीन सीमा पर सुरक्षा और मजबूत हो सकेगी। चीन सीमा पर सुरक्षा के लिए सबसे आगे आईटीबीपी के जवान ही तैनात रहते हैं। इसके साथ ही सात नई बटालियन और एक नया सेक्टर मुख्यालय भी स्थापित किया जाएगा।
भर्ती का प्रस्ताव 2013-14 से पेंडिंग था
गृह विभाग के एक अफसर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आईटीबीपी में जवानों की भर्ती का प्रस्ताव 2013-14 से पेंडिंग था। शुरुआत में इसमें 12 नई बटालियन बनाने की बात थी, लेकिन अब इसे घटाकर सात बटालियन कर दिया गया है। वास्तविक सीमा रेखा (LAC) के साथ सीमा चौकियों और स्टेजिंग कैंपों की संख्या बढ़ाने का भी फैसला लिया गया है।