विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को द इंडियन एक्सप्रेस के कार्यक्रम ‘एक्सप्रेस अड्डा’ में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनंत गोयनका के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने ‘झिझक के इतिहास’ को पीछे छोड़ दिया है। कार्यक्रम में उन्होंने अतीत की एक गलती स्वीकार करते माना कि भारत ने यूरोप के कुछ देशों पर ध्यान केंद्रित किया और ब्रसेल्स के इंटीग्रेशन को पूरी तरह से समझ नहीं पाया। उन्होंने कहा कि भारत जैसे-जैसे रणनीतिक रूप से आगे बढ़ रहा है, साझेदारी की संभावानाएं बढ़ रही है। ये भारत के कंप्लीमेंट्री पार्टनर्स हैं।
आइए आपको बताते हैं एक्सप्रेस अड्डा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने और क्या कहा?
- भारत-चीन LAC विवाद पर उन्होंने कहा कि दोनों देशों के हित में यही सही होगा कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर बहुत ज्यादा फोर्स ने तैनात करें।
- उन्होंने कहा कि जो एग्रीमेंट्स दोनों देशों के बीच में हुए हैं, उनका पालन होना चाहिए। अगर चीन ने इनका पालन किया होता तो एलएसी पर तनाव कम हो गया होता। हम अभी भी ऐसा उचित परिणाम खोजने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो समझौतों का सम्मान करता हो और यथास्थिति को बदलने की कोशिश न करता हो।
- भारत – रूस रिश्तों से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पुतिन और पीएम नरेंद्र मोदी के पर्सनल रिलेशन से कई स्थितियों में मदद मिली।
- उन्होंने कहा कि रूस के साथ भारत के संबंध 1955 से स्थिर हैं। उन्होंने कहा कि मॉस्को ने प्रमुख देशों के साथ उतार-चढ़ाव देखे, तब भी भारत के साथ रिश्ते सामान्य रहे।
- जयशंकर ने कहा कि मुद्दा यह है कि आप रिश्ते को कैसे एक्सप्लोर करते हैं। रूस अपनी बदली हुई दिशा में वेस्ट से हटकर एशिया की ओर देख रहा है। आप उनके साथ संबंधों को गहरा करने के लिए एक नया आधार ढूंढ रहे हैं।
- आज भारत के लिए अलग-अलग देशों के साथ कई वेक्टर्स पर काम करना, कॉमन कनेक्ट खोजना और एक एजेंडा तैयार करना संभव है। हर रिश्ते में एक संयम और बारीकियां होती हैं जो इसे दूसरों के लिए सुखद बनाती हैं।
- टेक प्रतिस्पर्धा पर बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि हम AI, ड्रोन के युग में आगे बढ़ रहे हैं। स्पेस भी आने वाले समय में महत्वपूर्ण होगा लेकिन आपको अपने बेसिक पर भी काम करना होगा… सड़क और रेलवे पर भी काम करना होगा। एक अच्छा बिजनेस का मौहाल भी चाहिए। मैनुफैक्चरिंग को रिवाइव करना होगा, 1990 के बाद हमने इसपर खास काम नहीं किया, विभिन्न लेवल पर बहुत सारा काम किया जाना है।