इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाहर कैब चालक के आत्मदाह करने के बाद बेंगलुरु में बुधवार को कैब सर्विस पूरी तरह से ठप रही। बताया जा रहा है कि महंगाई की वजह से कैब चालक ने इस तरह का आत्मघाती कदम उठाया। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने यात्रियों को एडवाइजरी जारी करके कहा है कि कैब सर्विस के भरोसे रहने की बजाए BMTC की बस से यात्रा को तरजीह दें। अन्यथा अपना इंतजाम खुद कर लें।

उधर, कर्नाटक ओला, उबेर ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएशन के चीफ तनवीर पाशा ने दुख जताते हुए कहा कि 70 फीसदी जली हालत में कैब चालक को अस्पताल लाया गया था। बुधवार सुबह उसने दम तोड़ दिया। उसने अपनी कार कर्नाटक स्टेट टूरिज्म डवलपमेंट कॉरपोरेशन के पास रजिस्टर करा रखी थी। उसकी मौत के बाद कैब चालकों ने हड़ताल का फैसला लिया।

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पाशा ने कहा कि तेल की बढ़ती कीमतों और महंगाई की वजह से उन्हें अपने लोगों को खोना पड़ रहा है। बीते साल लॉकडाउन की वजह से पहले ही कैब चालक परेशान था। अब महंगे तेल और महंगाई की वजह से जीना दूभर हो गया है। निजी आनलाइन सर्विस सस्ती दरों पर लोगों को कैब उपलब्ध करा रही है। लेकिन टैरिफ में बदलाव की वजह से सभी को नुकसान झेलना पड़ रहा है। पाशा ने कहा कि उनकी राज्य सरकार ने मांग थी कि टैरिफ की दरें सभी के लिए एकसमान हों, लेकिन उनकी अपील पर कोई विचार नहीं हुआ।

ध्यान रहे कि मंगलवार की शाम 35 साल के कैब ड्राइवर ने खुद को कार में बंद करके पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली थी। पुलिस ने उसकी पहचान चालक प्रताप रामनगरा जिले का रहने वाला था। साथी चालक और एयरक्राफ्ट रेसक्यू ऑफिसर्स ने आग पर काबू पाया और उसे अस्पताल लेकर गए। पुलिस का कहना है कि प्रताप आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। उसने कॉरपोरेशन से लोन लिया था, जिसे वह चुका नहीं पा रहा था। पुलिस ने बताया कि प्रताप की कार कॉरपोरेशन के पास रहन रखी थी।

प्रताप की मौत के बाद चालकों ने बेंगलुरु एयरपोर्ट के बाहर प्रदर्शन करके उस फैसले का विरोध किया, जिसमें निजी आनलाइन कैब सर्विस लोगों को सस्ती दरों पर सेवा दे रही हैं। उनका कहना था कि महंगे तेल ने पहले से ही कैब चालकों की कमर तोड़ रखी है। ऐसा आफर तो उन्हें मार ही देगा।