पंजाब में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां कमर कस चुकी हैं। राज्य की सत्ता में वापसी की कोशिश करती कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र भी तैयार कर लिया है जिसका लोकार्पण पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मनमोहन सिंह को पार्टी राज्य में स्टार कैंपेनर के तौर पर भी उतार सकती है. कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि मनमोहन सिंह का राज्य में काफी सम्मान है और उनकी छवि का फायदा पार्टी को मिल सकता है। कांग्रेस ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया है। कांग्रेस ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को राज्य में चुनाव प्रचार अभियान का जिम्मा सौंपा है।
प्रशांत किशोर और उनकी टीम राज्य में ‘हल्के विच कैप्टन’ और ‘कॉफी विथ कैप्टन’ जैसे कार्यक्रम शुरू कर चुकी है। हालांकि अभी तक पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी या पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी पंजाब में प्रचार में सक्रिय तौर पर नहीं शामिल हुए हैं। राहुल गांधी अभी अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधान सभा के मद्देनजर राज्य में ‘किसान यात्रा’ और ‘खाट सभा’ कर रहे हैं। पंजाब में शिरोमणी अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की गठबंधन सरकार है।
कांग्रेस पंजाब की सत्ता में वापसी के लिए दलित वोटों पर निगाह लगाए हुए है. पंजाब में 31 प्रतिशत दलित हैं। वहीं राज्य के 7 प्रतिशत ईसाइयों पर भी पंजाब की नजर है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ईसाई समुदाय को ध्यान में रखते हुए कुछ घोषणाएं भी कर चुके हैं। कांग्रेस की महिला इकाई भी आगामी चुनाव को देखते हुए काफी सक्रिय हो चुकी है।
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आम आदमी पार्टी भी राज्य में सियासी जगह बनाने के लिए काफी जोर लगा रही है। पार्टी को अपने पहले ही लोक सभा चुनाव में पंजाब से चार सीटों पर जीत मिली थी। इसे देखते हुए पार्टी राज्य में अपनी संभावनाओं को लेकर काफी आशावान है। पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राज्य में काफी सक्रिय हैं। हालांकि पार्टी को हाल में कई प्रमुख नेताओं के दूर जाने से शुरुआती धक्का लगा है। पंजाब के प्रमुख नेता सुच्चापुर छोटेसिंह को आप ने पार्टी से कथित तौर पर घूस लेने के आरोप में निकाल दिया। वहीं पार्टी के नेताओं पर टिकट देने के लिए पैसे लेने के आरोप लगे हैं।
बीजेपी के पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू भी राज्य चुनाव में काफी अहम नजर आ रहे हैं। सिद्धू ने पूर्व हॉकी खिलाड़ी और पूर्व अकाली नेता परगट सिंह के एवं अन्य के साथ मिलकर “आवाज-ए-पंजाब” नामक मोर्चा बनाया है। सिद्धू ने अभी अभी तक किसी राजनीतिक पार्टी की घोषणा नहीं की है लेकिन राजनीतिक जानाकारों के मुताबिक गैर कांग्रेस, गैर अकाली-बीजेपी और गैर आप दल मिलकर राज्य में ‘चौथा मोर्चा’ बना सकते हैं।
