DY Chandrachud National Law University: पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया (Chief Justice of India) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) को नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (National Law University) दिल्ली में प्रोफेसर नियुक्त किया गया है। लॉ यूनिवर्सिटी ने इसे भारत के लीगल एजुकेशन के मामले में बहुत बड़े बदलाव वाला अध्याय बताया है।

नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस बात की जानकारी दी है और कहा है कि जस्टिस चंद्रचूड़ का प्रोफेसर के रूप में स्वागत करते हुए वह सम्मानित महसूस कर रही है। पोस्ट में जस्टिस चंद्रचूड़ के साथ यूनिवर्सिटी की कुलपति जीएस वाजपेई के साथ तस्वीर भी है।

जस्टिस चंद्रचूड़ नवंबर 2022 से नवंबर 2024 तक भारत के CJI रहे। उनके बाद जस्टिस संजीव खन्ना और अब जस्टिस बीआर गवई नए CJI बने हैं।

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कौन हैं जस्‍ट‍िस चंद्रचूड़?

जस्टिस चंद्रचूड़ का पूरा नाम धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ है। वह भारत के 50वें CJI थे। उनके पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ (YV Chandrachud) सुप्रीम कोर्ट के 16वें CJI थे। वह करीब 13 साल सीजेआई रहे थे। यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ के नाम सबसे लंबे समय तक CJI रहने का रिकॉर्ड भी है। वह 22 फरवरी, 1978 को CJI बने और 11 जुलाई, 1985 को रिटायर हुए थे।

जस्टिस चंद्रचूड़ न्‍यायपाल‍िका में प्रत‍िभाशाली वकील व जजों के आगे आने का समर्थन करते रहे हैं। CJI रहते हुए उन्होंने वकालत शुरू करने वालों के ल‍िए ली जाने वाली परीक्षा में कट ऑफ मार्क्‍स कम करने की याच‍िका को खार‍िज कर दिया था और कहा था क‍ि अगर कोई इतने मार्क्‍स भी नहीं ला पाता तो वह अच्‍छा वकील कैसे बन सकता है।

बड़े फैसलों में शामिल रहे जस्टिस चंद्रचूड़

चंद्रचूड़ अपने बड़े फैसलों के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। राम मंदिर पर फैसला देने वाली सुप्रीम कोर्ट की कांस्टीट्यूशन बेंच में भी जस्टिस चंद्रचूड़ थे। इसके साथ ही इलेक्टोरल बॉन्ड को खत्म करने, आर्टिकल 370 को लेकर हुई सुनवाई हो या फिर दिल्ली बनाम केंद्र सरकार के लंबे विवाद पर भी जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने सुनवाई की थी।

अगस्त, 2017 में सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से कहा कि भारत का संविधान निजता के मौलिक अधिकार यानी राइट टू प्राइवेसी की गारंटी देता है। बेंच में शामिल जस्टिस चंद्रचूड़ ने निजता और गरिमा के अधिकार को जीवन के अधिकार का जरूरी हिस्सा माना था।

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