लेकिन जब आप इन सभी कार्यों में दिमाग लगाते हो तो आप बेहतर, तेजी और होशियारी से काम करने लगते हो। यानी होशियार बनने की एक लंबी प्रक्रिया है और इसके लिए आपको लगातार प्रयास करना होगा। इतना ही इसके लिए आपको कुछ तरीके भी अपनाने होंगे।
हर चीज के बारे में जिज्ञासु बनें : कुछ लोग प्राकृतिक रूप से जिज्ञासु होते हैं। आपका सीखना आपके स्कूल या कॉलेज के बाद खत्म नहीं होता है। यह जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया है और इसका सीधा संबंध आपकी सफलता से है। इसकी शुरुआत सवाल पूछने से शुरू होती है। जितना अधिक आप चीजों के बारे में जानेंगे, उतने ही आप होशियार होते चले जाएंगे।
प्रतिदिन दस नए विचार सोचें : हम सभी और हमारा समाज अनेक समस्याओं से घिरा हुआ है। ऐसे में हमें इन समस्याओं को दूर करने के लिए प्रतिदिन कम से कम दस नए विचार सोचने चाहिए। जरूरी नहीं है कि आप उस विचार पर आगे काम ही करें लेकिन विचार सोचना आवश्यक है। जैसे गरीबी कैसे दूर हो सकती है आदि।
बोलना शुरू करें : आप जितना बोलना शुरू करेंगे, उतना ही सीखेंगे और होशियार होंगे। कई बार हम बैठकों में ऐसे सवाल पूछ लेते हैं जिनके बारे में वहां मौजूद अधिकतर लोगों को पता होता है लेकिन इससे परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि आप उन लोगों से बेहतर हैं जो हर जगह चुप बैठे रहते हैं।
आने-जाने का रास्ता बदलें : अकसर हमें स्कूल, कॉलेज या दफ्तर जाने और वहां से घर आने के लिए प्रतिदिन एक ही रास्ता तय करते हैं। ऐसा करने से हमारे दिमाग को अधिक काम करने की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए कभी कभी हमें अपने रास्तों को बदल लेना चाहिए। ऐसा करने से आपका दिमाग पूरे रास्ते सक्रिय रहेगा और आपको नई चीजों को देखने और जानने का मौका मिलेगा।
खुद से होशियार लोगों से बात करें : खुद को होशियार बनाने के लिए आप अधिक होशियार या बुद्धिमान लोगों से बातचीत करें। इससे आपको कई बेहतर जानकारियां प्राप्त होंगी जो आपके बहुत काम आएंगी।