आईएनएक्स मामले में सीबीआई की तरफ से पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी के बाद अब उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की भी परेशानी बढ़ सकती है। ईडी का दावा है कि कार्ति चिदंबरम की ब्रिटेन में बेनामी संपत्ति है। प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से यह दावा एक ईमेल के जरिये मिली जानकारी के आधार पर किया गया है।
जांच एजेंसियां पहले ही पी. चिंदरबरम और उनके बेटे कार्ति के खिलाफ कथित रूप से बेनामी संपत्ति के लेनदेन मामले की जांच कर रही हैं। आरोप है कि कार्ति ने रिश्वत से मिले पैसे का उपयोग कई बेनामी सपंत्तियों की खरीद में किया है। इंडिया टुडे की खबर के अनुसार ईडी ने इस बार कार्तिक की बेनामी संपत्ति के संबंध में एक ईमेल के खुलासे का हवाला दिया है।
इसमें बताया गया है कि ब्रिटेन में कार्ति ने बेनामी संपत्ति खरीदी है। ईमेल की यह बातचीत कार्ति के प्रॉपर्टी डीलर लोरेन मूनी और सीबीएन रेड्डी के बीच की है। इस ईमेल में कार्ति को भी मार्क किया गया है। एजेंसी का आरोप है कि कार्ति ने कथित रूप से डीलर को अपने 29 मीड हाउस प्रॉपर्टी को मेंटेन करने के लिए कथित रूप से 1000 ब्रिटिश पाउंड दिए थे।
ईमेल में लिखा है, ‘मुझे सितंबर के अंत तक खर्च करने के लिए अतिरिक्त 1040 पाउंड की जरूरत है। मुझे कुछ सप्ताह के भीतर K’s के होने वाली यात्रा पर खुशी होगी यदि तुम मेरे लिए कैश की व्यवस्था कर दो।’ खबरों के अनुसार 29 मीड हाउस एसएनजे लिमिटेड के नाम पर है। ईडी ने कार्ति के प्रॉपर्टी डीलर द्वारा रिसीव ग्राउंड रेंट का इनवॉइस भी अटैच कर लिया है। आईएनएक्स मीडिया केस के अलावा एजेंसियां एयरसेल मैक्सिस, डियाजिओ स्कॉटलैंड और कटारा होल्डिंग्स मामले की भी जांच कर रही हैं।
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ईडी को भारत और विदेश में कार्ति से संबंधित कई शेल कंपनियों के बारे में भी पता लगा है। इनमें से एक कंपनी को ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड स्थित कंपनी से कथित रूप से पैसे भी मिले हैं। इस कंपनी का नाम पनामा पेपर्स में सामने आया था। ईडी के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि इस शेल कंपनी ने करीब 300 करोड़ रुपये का निवेश किया था।