महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे को अपना भाषण महज 1.5 मिनट में खत्म करने को मजबूर होना पड़ा। दरअसल ठाकरे को उम्मीद थी कि शनिवार (15 फरवरी, 2020) को सम्मेलन में दस हजार से ज्यादा लोग पहुंचेंगे, मगर वहां अधितकर कुर्सियां खाली देखकर उन्होंने बहुत छोटा भाषण दिया। खास बात है कि एमएनएस चीफ शहर की चार दिवसीय यात्रा भी करने वाले थे, जिसे उन्होंने छोटा कर दिया और तीन दिनों के भीतर मुंबई वापस लौट आए।

उल्लेखनीय है कि इन दिनों ठाकरे पार्टी के भीतर पर बड़े पैमाने पर गुटबाजी से खासे नाराज हैं। मनसे प्रमुख ने कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं को ‘देशद्रोही’ तक बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर का रास्त दिखा दिया जाएगा। बात दें कि ठाकरे औरंगाबाद में एक सम्मेलन को संबोधित कर पार्टी के लिए जमीन तैयार करना चाह रहे थे, जो पार्टी की कट्टर प्रतिद्वंद्वी शिवसेना का गढ़ रहा है। मनसे चीफ ने हाल ही में पार्टी के ‘मराठी मानुस’ के रुख से हिंदुत्व की ओर वैचारिक बदलाव भी किया है।

इसी बीच एमएनएस कार्यकर्ताओं ने कहा कि औरंगाबाद में महाराष्ट्र इंग्लिश टीचर एसोसिएशन का सम्मेलन था, जिनसे ठाकरे की आखिरी मिनट में औपचारिक मुलाकात थी। कार्यक्रम पार्टी से जुड़ा नहीं था। हालांकि स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के मुताबिक उनका संबोधन सम्मेलन का पूर्व नियोजित हिस्सा था।

राज ठाकरे शनिवार को जब श्रीहरी पवेलियन में शिक्षक सम्मेलन का उद्घाटन और संबोधन करने पहुंचे, तब वहां मुश्किल से 100-200 लोगों की भीड़ उनका अभिवादन करने के लिए मौजूद थी। हालांकि वहां दस हजार से ज्यादा शिक्षक और स्कूल स्टाफ सदस्यों के पहुंचने की उम्मीद थी। इस पर ठाकरे ने अपने भाषण की शुरुआत में शिक्षकों धन्यवाद देते हुए महज डेढ़ मिनट का भाषण दिया और कार्यक्रम स्थल से चले गए।

दूसरी तरफ मनसे लीडर अभिजीत पंसे ने बताया कि कार्यक्रम ठाकरे से जुड़ा नहीं था। स्कूल के कुछ शिक्षकों ने उन्हें कार्यक्रम में आने के लिए आमंत्रित किया और वो वहां गए। उन्होंने पूरे कार्यक्रम के बारे में गलत जानकारी फैलाने के लिए ‘निहित स्वार्थों’ को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘यह मनसे चीफ के कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था।’ उन्होंने कहा कि वास्तव में राजसाहेब (राज ठाकरे) आगामी नगरपालिका चुनावों के चलते 15 दिनों के भीतर एक बार फिर शहर का दौरा करेंगे। हालांकि कुछ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने कहा कि पार्टी के वफादार पदाधिकारी नाराज थे क्योंकि पार्टी में शामिल नए नेताओं को प्राथमिकता दी जा रही थी।