मुंबई हमले (2008) में आतंकियों की मदद करने के आरोप में 35 साल की सजा काट रहे डेविड हेडली पर एक किताब आ गई है। इस किताब को डेनमार्क के एक पत्रकार ने लिखा है। उनका नाम कारे सोरेसन है। इस किताब में उन 300 ई-मेल्स का जिक्र है जिन्हें अबतक सार्वजनिक नहीं किया गया। इन सभी मेल में हेडली ने हमले के सिलसिले में कई लोगों से बातचीत की थी। हालांकि, यह नहीं बताया गया है कि हेडली ने ये मेल किन-किन लोगों को भेजे थे। कारे ने यह किताब डेनिश भाषा में लिखी है। इसको भारत के एक पब्लिकेशन के ‘द माइंड ऑफ ए टेरेरिस्ट’ नाम से इंग्लिश में प्रकाशित किया है।

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कह सकते हैं कि इस किताब को पढ़कर जाना जा सकता है कि हेडली या फिर उसकी तरह के किसी आतंकी का दिमाग किस तरीके से काम करता है। वह लोगों से कैसे और क्या बातें करता है। इस किताब के जरिए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तयैबा, अल-कायदा से हेडली के संपर्क होने की भी जानकारी मिलती है। उन्हीं के साथ मिलकर हेडली ने 26/11 हमलों को अंजाम दिया था। जिसमें 166 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी।

मुंबई हमलों के जुड़ी यह जानकारी मिली: 1. किताब के जरिए पता लगता है कि हेडली ने ही मुंबई हमलों को अंजाम देने वाले लोगों के लिए बैग खरीदे थे।
2. हमले से पहले आतंकियों को ट्रेनिंग देने के लिए ताज होटल की जैसी नकली बिल्डिंग बनाई गई थी। इसी में आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी।
3. हमले से पहले आतंकियों के बीच इस बात को लेकर भी बहस हुई थी कि हमले के बाद वहां से कैसे भागा जाएगा। इसमें एक ट्रेन या फिर बस को हाइजैक करके कश्मीर लेकर जाने की भी बात हुई थी।
4. ताज होटल में हमले के दौरान वहां पर मौजूद एक हीरे की दुकान को लूटने के बारे में भी सोचा गया था। जिससे आगे के हमलों के लिए आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।