पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्­त संघर्ष समिति के आहÞवान पर चल रही बिजली र्किमयों और अधिकारियों की हड़ताल मंगलवार की शाम को समझौते के बाद समाप्­त हो गई। सरकार और आंदोलनकारियों के बीच कई चक्र की वार्ता और लिखित समझौते के बाद यह निर्णय हुआ।

सरकार ने भरोसा दिया है कि निगमों का निजीकरण नहीं किया जाएगा और वर्तमान व्­यवस्­था में ही विद्युत वितरण में सुधार किया जाएगा। मंगलवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्­त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे और उत्­तर प्रदेश राज्­य विद्युत परिषद अभियंता संघ के पूर्व अध्­यक्ष अखिलेश कुमार ंिसह ने सरकार से समझौते के बाद कार्य बहिष्­कार आंदोलन (हड़ताल) वापस लेने की जानकारी दी।

सिंह ने बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के विघटन एवं निजीकरण के प्रस्­ताव के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्­त संघर्ष समिति की नोटिस के संदर्भ में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, वित्­त मंत्री सुरेश खन्­ना, मुख्­य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्­य सचिव ऊर्जा के बीच वार्ता में हुए समझौते के बाद कार्य बहिष्­कार आंदोलन वापस ले लिया गया है। संगठन के नेताओं ने बताया कि सरकार ने निजीकरण का प्रस्­ताव वापस ले लिया है।

राज्­य सरकार के साथ लिखित समझौता हुआ जिस पर आंदोल­नकारियों और उत्­तर प्रदेश पावर कार्पोशन लिमिटेड के चेयरमैन अरंिवद कुमार समेत कई अधिकारियों के हस्­ताक्षर हैं। इस समझौता पत्र में स्­पष्­ट रूप से लिखा गया है कि उत्­तर प्रदेश के विद्युत वितरण निगमों में वर्तमान व्­यवस्­था में ही विद्युत वितरण में सुधार तथा राजस्­व वसूली, बेहतर उपभोक्­ता सेवा के लिए मन वचन और कर्म से सार्थक प्रयास किये जाएंगे। पावर कार्पोशन के प्रवक्­ता ने बताया कि सौहार्द पूर्ण वातावरण में दोनों पक्षों में बातचीत हुई और समस्­या का समाधान हो गया।

विद्युत र्किमयों के एक अन्­य संगठन पावर आफिसर्स एसोसिएशन ने अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्­कार का फैसला वापस ले लिया है। पावर आफिसर्स एसोसिएशन के कार्यकारी अध्­यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि उनके संगठन ने अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्­कार का निर्णय मंगलवार को लिया था लेकिन अब सरकार के सकारात्­मक रुख के बाद संगठन कार्य बहिष्­कार नहीं करेगा। गोरखपुर के सामाजिक कार्यकर्ता गौरव दुबे ने बताया कि बिजली र्किमयों की हड़ताल के चलते पूर्वी उत्­तर प्रदेश में सोमवार से ही बिजली आपूर्ति की व्­यवस्­था चरमरा गई थी।