Action on Fake Photos and Names in Voter List: मतदाता सूची को नए सिरे से तैयार किया जाएगा। इन सूचियों में एक जैसे नाम और फोटो जैसी गड़बड़ियों को दूर करने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग ने यह प्रक्रिया शुरू की है। इसके लिए विस्तृत तय मानक (एसओपी) तैयार किए गए हैं। इन मानकों की प्रति देश के सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे गए हैं, ताकि आसानी से मतदाता सूची की गड़बड़ियों को दूर कर एक जैसी मतदाता सूची तैयार की जा सके।
आदेशों के मुताबिक, नए मानक सभी राज्य व केंद्रशासित प्रदेश पहचान-पत्र में एक स्थान और फोटो रोल में मतदाताओं के एक जैसे फोटो वाली गड़बड़ियों को सुधारने में मदद करेंगे। इस बाबत निर्वाचन आयोग के सचिव पवन कुमार की तरफ से सभी राज्यों के लिए एसओपी भेजे गए हैं और सभी को अपनी मतदाता सूची की सौ फीसद जांच के दिशानिर्देश दिए गए हैं।
इस मामले में तैयार किए गए मानकों के लिए राज्यों के निर्वाचन अधिकारियों को संबंधित कर्मचारियों का परीक्षण करने का भी आदेश दिया गया है। अभी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा व मणिपुर में ही मतदाता सूची के अंदर एक जैसे फोटो वाले पहचान-पत्रों की जांच संभव हो पाई है। अब इस प्रक्रिया के माध्यम से आसानी से मतदाताओं की पहचान हो सकेगी।
बूथ अधिकारी की रिपोर्ट पर ही सूची में बदलाव
आयोग ने ‘गुरुदा एप्लीकेशन’ का प्रयोग करने की सलाह दी है। आयोग के आनलाइन प्लेटफार्म ‘इरोनेट’ की मदद ली जाएगी। बूथ स्तर के अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर ही सूची में बदलाव संबंधी आखिरी निर्णय लिया जाएगा।
अगर बीएलओ मतदाता की पहचान के मामले में सूची में दो जानकारी होने की रिपोर्ट देगा तो संबंधित विभागीय अधिकारी सभी संदेह को दूर करते हुए आखिरी निर्णय लेंगे। आयोग का मानना है कि नई प्रक्रिया स्पष्ट होने के बाद राज्यों में मतदाता सूची की गुणवत्ता में सुधार होगा और इसके अतिरिक्त जिस मोबाइल एप्लीकेशन का प्रयोग राज्यों द्वारा होगा, उसकी मदद से सूची को आसानी से और तेजी से तैयार किया जा सकेगा।