Ananthu Krishnan CSR Fund Scandal: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को केरल में 12 जगहों पर सीएसआर फंड घोटाले के मामले में ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस घोटाले के तहत धोखेबाजों ने कई लोगों को अच्छा-खासा चूना लगाया है। इस घोटाले के मुख्य आरोपी और गिरोह के सरगना अनंथु कृष्णन के पास 21 बैंक अकाउंट हैं और उसने लोगों को धोखा देकर 548 करोड़ रुपए इकट्ठे कर लिए।
सूत्रों के मुताबिक, ED ने मंगलवार को मुख्य आरोपी 26 वर्षीय अनंथु कृष्णन से जुड़े ठिकानों की तलाशी ली। इसके अलावा एनजीओ श्री सत्य साईं अनाथालय ट्रस्ट के अध्यक्ष केएन आनंद कुमार और कांग्रेस नेता लाली विंसेंट के परिसरों की भी तलाशी ली गई है। लाली विंसेंट अनंथु कृष्णन के कानूनी सलाहकार रह चुके हैं।
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इस घोटाले के षड्यंत्रकर्ताओं पर आरोप है कि उन्होंने लोगों को आधी कीमत पर स्कूटर, लैपटॉप और घरेलू उपकरण देने का वादा कर करीब 500 करोड़ रुपये की ठगी की।
इस मामले में लगातार शिकायतें मिलने के बाद राज्य की क्राइम ब्रांच ने कृष्णन, आनंद कुमार और अन्य लोगों के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज किए थे। जांच एजेंसी इस बात की जांच कर रही है कि क्या कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड की आड़ में मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम दिया गया था?
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पुलिस इस मामले की गहराई के साथ जांच कर रही है और उसे पूरे केरल से इस शिकायतें मिली हैं। पुलिस को मिली शिकायतों के मुताबिक, धोखेबाजों ने लोगों को सब्जबाग दिखाए और वादा किया कि उन्हें स्कूटर और लैपटॉप की कीमत पर आधा डिस्काउंट दिया जाएगा। बताना होगा कि अलग-अलग गैर सरकारी संगठन और चैरिटेबल ऑर्गेनाइजेशन की ओर से सीएसआर फंड के तहत कई तरह के सामाजिक काम किए जाते हैं।
केरल की क्राइम ब्रांच ने कोच्चि की अदालत को बताया कि कृष्णन ने वादा किया था कि आधी कीमत पर लैपटॉप और स्कूटर उपलब्ध कराए जाएंगे। ऐसे लगभग 30 हजार लोग थे जिन्होंने ये प्रोडक्ट खरीदने के लिए पैसा दिया। उनसे कहा गया था कि उन्हें प्रोडक्ट की आधी कीमत देनी होगी जबकि बाकी भुगतान सीएसआर फंड से किया जाएगा।
क्राइम ब्रांच ने इससे पहले कोच्चि में कृष्णन के दफ्तर की तलाशी भी ली थी। सोमवार को कोर्ट ने कृष्णन को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
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पूर्व जज के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की मांग
इस बीच, मंगलवार को अधिवक्ताओं के एक समूह ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। याचिका में मांग की है कि घोटाले के सिलसिले में हाई कोर्ट के पूर्व जज सीएन रामचंद्रन नायर के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया जाए। याचिका में कहा गया है कि पूर्व जज के खिलाफ FIR बिना किसी प्रारंभिक जांच के ही दर्ज कर ली गई और ऐसा करना अदालत की छवि को खराब करने जैसा है।
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