Gurugram Land Deal Chargesheet: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ गुरुग्राम के शिकोहपुर में कथित धोखाधड़ी वाले जमीन लेनदेन के सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है। ANI के मुताबिक, एजेंसी का दावा है कि इससे 58 करोड़ रुपये का अवैध लाभ हुआ, जिसे बाद में कई संपत्तियों में बदल दिया गया।

ईडी की चार्जशीट में कहा गया कि यह राशि दो माध्यमों से प्राप्त की गई। 5 करोड़ रुपये की पीओसी ब्लू ब्रीज़ ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड (बीबीटीपीएल) और 53 करोड़ रुपये स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड (एसएलएचपीएल) के माध्यम से प्राप्त हुई।

वाड्रा के सहयोगी सत्यानंद याजी और केवल सिंह विर्क, और उनसे जुड़ी कई कंपनियां, जिनमें मेसर्स स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स स्काई लाइट रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, और मेसर्स ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड (अब एसजीवाई प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड) शामिल हैं, उनका भी मामले में नाम है।

एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि प्राप्त मामले की चार्जशीट से पता चलता है कि यह मामला सितंबर 2018 में हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा है, जिसमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और डीएलएफ लिमिटेड का भी नाम है। उनके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध के आरोप शामिल हैं।

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ईडी ने दिसंबर 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। एजेंसी के अनुसार, एसएलएचपीएल ने बिक्री विलेख के अनुसार ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी, जबकि वास्तविक सहमति 15 करोड़ रुपये थी। विलेख में उल्लिखित भुगतान – चेक द्वारा – कभी भुनाया नहीं गया।

प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि इस गलतबयानी के कारण न केवल लगभग 45 लाख रुपये की स्टाम्प ड्यूटी की चोरी हुई, बल्कि यह एक तरह का लेनदेन भी था, जिसमें वाड्रा के कथित प्रभाव के बदले में उसी गांव में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के लिए वाणिज्यिक लाइसेंस हासिल करने के लिए बिना वास्तविक भुगतान के भूमि हस्तांतरित कर दी गई। वहीं, राहुल गांधी ने कहा था कि मेरे बहनोई को 10 साल से परेशान किया जा रहा है। पढे़ं…पूरी खबर।