पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को सारदा चिट फंड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक बड़ी कार्यवाही की है। ईडी ने इस मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रवक्ता कुणाल घोष, सांसद सतबदी रॉय और देबजानी मुखर्जी की 3 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है।

ईडी ने कहा कि धनशोधन निवारण कानून (PMLA) के तहत चल एवं अचल संपत्ति को कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि सारदा चिटफंड घोटाले के सिलसिले में ‘तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा के पूर्व सदस्य कुणाल घोष (मीडिया समूह सारदा के सीईओ), टीएमसी की लोकसभा सांसद शताब्दी रॉय (सारदा में ब्रांड एंबेसडर) और सारदा कंपनी समूह में निदेशक देबजानी मुखर्जी’ की संपत्ति कुर्क की गई है।

सारदा चिट फंड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अबतक 600 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। ईडी अप्रैल 2013 से ही कथित पोंजी घोटाला में धनशोधन के पहलुओं की जांच कर रहा है। अनुमान है कि यह 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला है। ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज किया है।

बता दें घोष जमानत पर जेल से छूट हैं। उन्हें 2013 में कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। ईडी ने इस मामले में उनसे और अन्य लोगों से पूछताछ की थी। बाद में उन्हें पार्टी प्रवक्ता के पद पर बहाल कर दिया गया था।