बैंक लोन घोटाले में फंसी कंपनी डीएचएफल के प्रोमोटर्स ने दुबई में गैंगस्टर इकबाल मिर्ची के परिवार को 4 फ्लैट तोहफे में दिए थे। ईडी की जांच में यह खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि कंपनी के प्रोमोटर्स ने इकबाल मिर्ची के बेटे आसिफ इकबाल मेमन को साल 2015 में ये फ्लैट दिए थे।
सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि 2015 में, धीरज और ईस्ट कोस्ट एलएलसी ने बिना किसी पैसे के मेमन को दुबई के मार्सा में 2900 वर्ग फुट में कुल चार वाणिज्यिक संपत्तियां ट्रांसफर कीं। इसके अलावा, धीरज और ईस्ट कोस्ट ने दुबई में बिजनेस बे में 10 कमर्शियल प्रॉपर्टीज बेचीं, जो मेमन को बाजार रेट से से 57 प्रतिशत कम पर मिलीं। ईडी ने मंगलवार को कहा कि उसने एक धनशोधन मामले में कुख्यात अपराधी इकबाल मिर्ची के परिवार की दुबई में स्थित 203 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है।
ईडी ने कहा कि कुर्क सम्पत्ति में 15 वाणिज्यिक एवं आवासीय सम्पत्ति शामिल हैं जो मिर्ची के ‘‘परिवार के सदस्यों’’ की है। इनमें ‘मिडवेस्ट होटल अपार्टमेंट’ नाम का एक होटल भी शामिल है। ईडी ने एक बयान में कहा कि इनकी कीमत 203.27 करोड़ रुपये आंकी गई है और इसे अस्थायी तौर पर धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत कुर्क किया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि ये सम्पत्तियां दुबई स्थित उस कंपनी द्वारा मिर्ची परिवार को हस्तांतरित की गई थीं जिसका स्वामित्व वधावन बंधुओं-कपिल वधावन और धीरज वधावन- के पास था। वधावन दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रोमोटर्स हैं। उन्हें ईडी ने एक अन्य धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था जो कि यस बैंक द्वारा दिए गए कथित रूप से संदिग्ध ऋणों से संबंधित है।
एजेंसी ने कपिल वधावन को भी मिर्ची पीएमएलए मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई थी। इस कार्रवाई के साथ ही ईडी द्वारा इस मामले में कुर्क सम्पत्ति 776 करोड़ रुपये की हो गई है। ईडी द्वारा पिछले साल दिसंबर में इसी तरह के दो कुर्की आदेश जारी किए गए थे।
मिर्ची की 2013 में लंदन में मौत हो गई थी और उसके बारे में आरोप है कि वह माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम का मादक पदार्थ की तस्करी और उगाही के अपराधों में दाहिना हाथ था।