मेघालय (Meghalaya) में गुरुवार (24 नवंबर) को भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल (Richter Scale) पर भूकंप की तीव्रता 3.4 दर्ज की गयी। गुरुवार सुबह 4 बजे के करीब मेघालय के तुरा में यह झटके महसूस किए गए।

मेघालय के तुरा से 37 किलोमीटर पूर्व-उत्तर-पूर्व में गुरुवार सुबह करीब 03:46 बजे 3.4 तीव्रता का भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप की गहराई जमीन से 5 किलोमीटर नीचे थी।

देश के कई हिस्सों में भूकंप (Earthquake) के झटके: इससे पहले बुधवार को महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान के केंद्र की जानकारी के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश में बुधवार सुबह 7 बजकर 1 मिनट पर बसर से 58 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम-उत्तर में झटके महसूस किए गए थे। केंद्र के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई थी। भूकंप की गहराई जमीन से 10 किलोमीटर नीचे थी।

महाराष्ट्र के नासिक में भी बुधवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया था कि भूकंप की तीव्रता 3.6 थी और उसका केंद्र नासिक से 89 किमी पश्चिम में था। जानकारी के मुताबिक, भूकंप की गहराई जमीन से 5 किलोमीटर नीचे थी। इससे पहले 22 नवंबर को लद्दाख के लेह और करगिल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4.3 थी। भूकंप का केंद्र करगिल से 191 किमी दूर उत्तर में था।

क्यों आता है भूकंप? रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में जनवरी से सितंबर 2022 तक बीते 9 महीनों में अब तक 948 से भी ज्यादा बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। इनमें से 240 भूकंप के झटके ऐसे थे, जिनकी तीव्रता रिक्‍टर स्‍केल पर 4 से ऊपर रही। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार इस साल 1090 बार भूकंप आने की जानकारी मिली। भूकंप आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकराना है। इन प्लेट्स के टकराने से फॉल्ट लाइन जोन बनता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। फिर दबाव बनने से प्लेट्स टूटने लगती हैं और धरती हिलने लगती है।