Earthquake Today Noida Delhi in Hindi: अफगानिस्तान में गुरुवार की सुबह भूकंप आने से कई शहरों में दहशत फैल गई। इसका असर भारत की राजधानी दिल्ली और एनसीआर में भी महसूस किए गये। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.7 आंकी गई। अभी तक इससे जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। हालांकि भूकंप के कंपन की वजह से दहशत में लोग घरों से बाहर निकल आए। इससे पहले बुधवार को उज्बेकिस्तान के ताशकंद में भी भूकंप महसूस किया गया था। उसकी तीव्रता 7.1 थी। भूकंप की वजह से जमीन के अंदर एक कंपन होता है। इससे जमीन तथा इसके ऊपर मौजूद स्ट्रक्चर हिलने लगता है।
अल साल्वाडोर में बुधवार दोपहर 6.1 तीव्रता का भूकंप आया
उधर, अल साल्वाडोर में बुधवार दोपहर 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। बहरहाल, इस दौरान जान-माल का नुकसान होने की अभी तक कोई खबर नहीं मिली है। साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि ला लिबर्टाड के पश्चिमी क्षेत्र के तट से 60 किलोमीटर दूर आए भूकंप ने अल साल्वाडोर के अधिकतर हिस्से को हिलाकर रख दिया।
भूकंप बाद के दो झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता 4.1 और 4.5 थी। पड़ोसी देश ग्वाटेमाला में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। बुकेले द्वारा साझा की गई रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप के बाद सुनामी का कोई खतरा नहीं था।
हफ्ते भर पहले जम्मू-कश्मीर में सुबह-सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गये थे। जिस समय भूकंप आया था, लोग सोकर उठ रहे थे। कई लोगों की नींद ही झटका लगने से खुली थी। भूकंप राज्य के बारामूला, पुंछ और श्रीनगर के आसपास महसूस किए गये थे।
आम तौर पर भूकंप तब आाता है धरती की ऊपरी सतह की प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं। इससे वहां भूकंप आने की आशंका पैदा हो जाती है। इस दौरान ये प्लेटें एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं और इससे रगड़ खाती हैं। फ्रिक्शन के कारण धरती डोलने लगती है। कई बार धरती पर दरारें भी आ जाती है। कुछ संवेदनशील स्थानों पर यह दौर हफ्तों या महीनों तक चलता रहता है। इससे रह-रहकर ऊर्जा निकलती हैं।